गौरा (प्रतापगढ़), 25 सितंबर 2024: प्रतापगढ़ जिले के रानीगंज तहसील क्षेत्र में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरा के अंतर्गत बोर्रा ग्राम सभा में आज नियमित टीकाकरण कैंप का आयोजन किया गया। इस कैंप का आयोजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक डॉ. विकास दीप पटेल के मार्गदर्शन में किया गया, जहां स्थानीय स्वास्थ्यकर्मियों और अधिकारियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया।
बीएमसी नरेन्द्र कुमार मिश्र ने कैंप में उपस्थित होकर न केवल निगरानी की, बल्कि ग्रामीणों को बच्चों और गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण के महत्व के बारे में जागरूक किया। साथ ही उन्होंने स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी प्रदान की, ताकि ग्रामीणों को स्वस्थ जीवनशैली अपनाने में मदद मिल सके।
कैंप में 19 बच्चों को टीका लगाया गया, और तीन गर्भवती महिलाओं की जांच की गई, जिन्हें आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए। इस टीकाकरण अभियान का संचालन एएनएम रीता देवी, आशा कार्यकर्ता सुमन श्रीवास्तव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता शशि सिंह, नीरा श्रीवास्तव, और सहायिका सीता देवी द्वारा सफलतापूर्वक किया गया।
इस तरह के आयोजनों से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जागरूकता और टीकाकरण को बढ़ावा मिलता है, जो समुदाय के स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
बीएमसी नरेन्द्र कुमार मिश्र ने बताया कि टीकाकरण एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को विभिन्न संक्रामक रोगों से लड़ने में सक्षम बनाती है। यह टीके के माध्यम से किया जाता है, जो कमजोर या निष्क्रिय रूप में उस रोग के कीटाणु या वायरस के अंश होते हैं, जिन्हें शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। टीका लगने पर शरीर उन कीटाणुओं से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाता है, जिससे भविष्य में यदि वास्तविक संक्रमण हो, तो शरीर उससे सुरक्षित रहता है।
टीकाकरण के प्रमुख लाभ
- रोगों की रोकथाम: टीकाकरण कई घातक और संक्रामक रोगों जैसे पोलियो, टीबी, मीजल्स, डिप्थीरिया, और टेटनस जैसी बीमारियों से सुरक्षा प्रदान करता है।
- सामुदायिक प्रतिरक्षा: जब एक बड़े समूह में अधिकतर लोग टीकाकृत होते हैं, तो यह बीमारी के प्रसार को रोकता है, जिससे उन लोगों को भी सुरक्षा मिलती है जो टीका नहीं लगवा सकते (जैसे नवजात शिशु या कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोग)।
- स्वास्थ्य लागत में कमी: टीकाकरण से गंभीर बीमारियों की रोकथाम होती है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने या दीर्घकालिक उपचार की आवश्यकता नहीं पड़ती, और इससे स्वास्थ्य सेवाओं की लागत घटती है।
टीकाकरण कार्यक्रम
भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य के तहत नियमित टीकाकरण कार्यक्रम (Universal Immunization Programme – UIP) चलाया जाता है, जिसमें निम्नलिखित टीके दिए जाते हैं:
- बीसीजी (BCG): तपेदिक (टीबी) से सुरक्षा के लिए नवजात शिशुओं को लगाया जाता है।
- पोलियो (Polio): पोलियो वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए ओरल पोलियो वैक्सीन (OPV) दी जाती है।
- डिप्थीरिया, काली खांसी और टेटनस (DPT): डिप्थीरिया, काली खांसी, और टेटनस के खिलाफ टीकाकरण के लिए DPT वैक्सीन दी जाती है।
- हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B): इस वैक्सीन से यकृत (लिवर) को प्रभावित करने वाले हेपेटाइटिस बी वायरस से सुरक्षा मिलती है।
- मीजल्स, मम्प्स और रुबेला (MMR): मीजल्स, मम्प्स, और रुबेला जैसी बीमारियों से बचाव के लिए MMR टीका लगाया जाता है।
- हिब वैक्सीन (Hib): यह वैक्सीन हीमोफिलस इंफ्लुएंजा टाइप बी (Hib) बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमणों, जैसे निमोनिया और मेनिनजाइटिस, से सुरक्षा प्रदान करता है।
- रोटावायरस: यह टीका बच्चों को रोटावायरस संक्रमण से बचाने के लिए दिया जाता है, जिससे गंभीर दस्त हो सकते हैं।
गर्भवती महिलाओं के लिए टीकाकरण
गर्भवती महिलाओं को टेटनस और डिप्थीरिया से सुरक्षा के लिए टीका लगाया जाता है। यह न केवल मां को बल्कि गर्भ में पल रहे शिशु को भी सुरक्षा प्रदान करता है।
टीकाकरण का उद्देश्य बच्चों और गर्भवती महिलाओं को गंभीर बीमारियों से बचाकर एक स्वस्थ और सुरक्षित समाज का निर्माण करना है। नियमित टीकाकरण और समय पर सभी आवश्यक टीके लगवाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।