प्रशासन ने घटना के 17 घंटे बाद जारी किया अधिकारिक आंकड़ा
प्रयागराज, 29 जनवरी 2025। संगमनगरी पर लगे महाकुंभ मेले में 28-29 जनवरी की मध्य रात करीब दो बजे भगदड़ मच गई। घटना के 17 घंटे बाद प्रशासन ने अधिकारिक आंकड़ा जारी करते हुए मीडिया को जानकारी दिया हक इस घटना में 30 श्रद्धालुओं की मौत हो गयी। इनमें से 25 की पहचान कर ली गयी है। शेष पांच शव किसके हैं उसकी पहचान कराई जा रही है।
महाकुंभ मेला के डीआईजी वैभव कृष्णा और मेला अधिकारी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर हादसे के बारे में विस्तृत जानकारी दी। अधिकारियों ने कहा कि प्रयागराज महाकुंभ में मची भगदड़ की चपेट में 60 लोग आए थे, जिनमें 30 की मौत हो गई है। इनमें उत्तर प्रदेश के 19, कर्नाटक के 4 और गुजरात-असम के एक-एक श्रद्धालु की मौत हुई है।
इस वजह से मची भगदड़
डीआईजी महाकुंभ मेला वैभव कृष्ण ने बताया कि मेले में बैरिकेड्स लगे हैं। घाट पर कुछ बैरिकेड्स टूट गए, जिसकी वजह से जमीन पर सो रहे श्रद्धालुओं के ऊपर कुछ श्रद्धालु अफरातफरी में चढ़ गए। कुचलने से जो घायल हो गये, उनमें से 30 की मौत हो गई।
29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा। वहां कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं था। घायलों की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है।
प्रयागराज में आने के सभी रास्ते बंद
महाकुंभ में बढ़ती भीड़ और भगदड़ के बाद प्रशासन ने प्रयागराज आने वाले सभी 8 रास्तों को बंद कर दिया है। भदोही-वाराणसी सीमा पर 20 किलोमीटर और चित्रकूट सीमा पर 10 किलोमीटर लंबा जाम लगा है। कौशांबी और रीवा सीमा पर करीब 50,000 और प्रतापगढ़ सीमा पर 40,000 वाहनों को रोका गया है।
जौनपुर से प्रयागराज आने वाले रास्ते पर सभी बसों को रोक दिया गया है। घटना के बाद मेला परिसर में सभी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। सभी वाहन पास रद्द कर दिए गए हैं। प्रयागराज शहर में 4 फरवरी तक 4 पहिया वाहनों के प्रवेश पर भी रोक रहेगी। मेले में सभी रास्तों को एकांगी मार्ग कर दिया गया है। एक रास्ते से आए श्रद्धालुओं को स्नान के बाद दूसरे रास्ते से भेजा जा रहा है।