रायपुर, 11 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सत्र 2023-24 में हुए कस्टम मिलिंग का 35 हजार मैट्रिक टन चावल का अता पता नहीं है। न तो विभाग इसकी जानकारी दे पा रहा है और न ही राज्य की सरकार मिलरों के पास से लापता चावल वापस ले पा रही है। इस मामले का खुलासा तब हुआ जब 11 मार्च 2025 को भाजपा विधायक सुशांत शुक्ला ने मामले को विधानसभा में उठाया।
भाजपा विधायक श्री शुक्ला ने इस बात पर हैरानी जताई कि राईस मिलरों को जितना धान दिया गया, उससे बनने वाले चावल के रखने की क्षमता संबंधित राईस मिलर के पास है ही नहीं। भाजपा विधायक ने आशंका जताई कि ट्रासपोर्टर लाबी द्वारा किये गये भ्रष्टाचार का यह नतीजा है।
इस सवाल पर प्रदेश के खाद्य मंत्री दयालदास बघेल असहज नजर आये और सही तरीके से जवाब नहीं दे सके। इससे साफ है कि कस्टम मिलिंग में किस कदर का भ्रष्टाचार किया जा रहा है।