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यूपी में 7385 शिक्षकों की होगी भर्ती, इनके लिए बीएड जरुरी नहीं

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लखनऊ, 16 अप्रैल 2025। उत्तर प्रदेश के राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापकों की भर्ती के लिए एलटी ग्रेड नियमावली में महत्वपूर्ण संशोधन किया गया है। इस संशोधन के तहत कंप्यूटर, कला और हिंदी विषयों में बीएड की अनिवार्यता को समाप्त कर इसे अधिमानी अर्हता बनाया गया है।

साथ ही, उत्तर मध्यमा कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को भी हिंदी विषय में आवेदन की पात्रता दी गई है। यह कदम शिक्षक भर्ती में रिक्त पदों को भरने और योग्य अभ्यर्थियों को अवसर प्रदान करने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

2018 की एलटी ग्रेड भर्ती में पहली बार कंप्यूटर विषय को शामिल किया गया था, लेकिन बीएड की अनिवार्यता के कारण 1673 में से 1637 पद खाली रह गए थे। केवल 36 शिक्षकों का चयन हो सका था, क्योंकि तकनीकी प्रकृति के इस विषय में अधिकांश अभ्यर्थियों के पास बीएड डिग्री नहीं थी।

संशोधित नियमावली में अब बीएड को अधिमानी अर्हता बनाया गया है, जिससे बीएड न करने वाले अभ्यर्थी भी कंप्यूटर शिक्षक के रूप में चयनित हो सकेंगे। बीएड धारकों को चयन में वरीयता मिलेगी। माना जा रहा है कि यह बदलाव राजकीय विद्यालयों में कंप्यूटर शिक्षकों की कमी को दूर करेगा।

कला विषय में भी नियमावली में बदलाव किया गया है। पहले कला या ललितकला में स्नातक के साथ बीएड अनिवार्य था। अब बीएफए (ललितकला) करने वाले अभ्यर्थियों के लिए बीएड अनिवार्य नहीं होगा। बीएड को अधिमानी अर्हता बनाया गया है, जिससे बीएफए धारक बिना बीएड के भी कला विषय के शिक्षक बन सकेंगे, हालांकि बीएड वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।

यह संशोधन कला शिक्षा को बढ़ावा देने और अधिक योग्य अभ्यर्थियों को अवसर देने में सहायक होगा। हिंदी विषय में भी नियमावली को उदार बनाया गया है। पहले स्नातक में हिंदी और इंटरमीडिएट में संस्कृत विषय के साथ बीएड अनिवार्य था। अब उत्तर मध्यमा कोर्स करने वाले अभ्यर्थी, जिनके पास स्नातक में हिंदी विषय और बीएड है, भी हिंदी के सहायक अध्यापक पद के लिए पात्र होंगे। यह बदलाव पारंपरिक शिक्षा पद्धति से आने वाले अभ्यर्थियों को अवसर प्रदान करेगा।

अपर शिक्षा निदेशक (राजकीय) अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि संशोधित नियमावली के आधार पर 7385 पदों (2525 महिला, 4860 पुरुष) के लिए भर्ती होगी। अधियाचन उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग को भेजा जा चुका है। नियमावली से ‘समकक्षता’ शब्द हटाकर मुकदमेबाजी की आशंका को कम किया गया है, ताकि भर्ती प्रक्रिया समयबद्ध पूरी हो। यह संशोधन न केवल शिक्षक भर्ती में रिक्तियों को भरने में मदद करेगा, बल्कि राजकीय विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को भी बढ़ावा देगा।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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