गुजरात के मेहसाणा में दीवार गिरने से 9 श्रमिकों की मौत, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

गुजरात के मेहसाणा में दीवार गिरने से 9 श्रमिकों की मौत, प्रधानमंत्री ने जताया शोक

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नई दिल्ली, 12 अक्टूबर 2024। जब देशभर में दशहरे का उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा था, उसी वक्त गुजरात के मेहसाणा जिले से एक बेहद दुखद घटना सामने आई। जिले के जासलपुर गांव में एक भूमिगत टैंक के लिए खुदाई के दौरान दीवार गिरने से 9 श्रमिकों की मौत हो गई। यह हादसा उस समय हुआ जब श्रमिक ढीली मिट्टी के कारण दीवार के मलबे में दब गए और जिंदा दफन हो गए।

यह दर्दनाक घटना मेहसाणा जिले के कादी तालुका के जासलपुर गांव में हुई, जो जिला मुख्यालय से लगभग 37 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। श्रमिक एक निजी कंपनी के भूमिगत टैंक के निर्माण कार्य में लगे हुए थे। अचानक दीवार गिरने से मलबे के नीचे दब गए। घटना की जानकारी मिलते ही स्थानीय प्रशासन और बचाव दल मौके पर पहुंचे, लेकिन तब तक 9 श्रमिकों की मौत हो चुकी थी।

मेहसाणा के एसपी तरूण दुग्गल ने घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि निजी कंपनी की दीवार गिरने से यह दुर्घटना हुई है। दुर्घटना के समय श्रमिक गड्ढे के पास खुदाई कर रहे थे और अचानक मिट्टी की ढलान खिसकने से वे नीचे दब गए।

इस दुखद घटना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने सोशल मीडिया मंच एक्स पर एक भावुक संदेश में लिखा, गुजरात के मेहसाणा में दीवार गिरने से हुआ हादसा बेहद दुखद है। इस हादसे में जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं। ईश्वर उन्हें इस दुख को सहन करने की शक्ति दें। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन पीड़ितों को हर संभव सहायता देने के लिए प्रयासरत है।

प्रधानमंत्री मोदी ने इस घटना में मृतकों के परिजनों को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष से 2-2 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। इसके साथ ही, घायलों को 50-50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि भी दी जाएगी। प्रधानमंत्री के इस कदम को पीड़ित परिवारों के लिए सहारा माना जा रहा है, जिन्होंने इस अप्रत्याशित हादसे में अपने प्रियजनों को खो दिया है।

घटना के तुरंत बाद राज्य सरकार के निर्देशानुसार स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य तेज़ी से शुरू किया। मलबे में दबे अन्य लोगों को निकालने के लिए भी प्रशासन ने हरसंभव प्रयास किया। राज्य सरकार ने घटना की विस्तृत जांच के आदेश दिए हैं, ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके।

इस दुखद हादसे ने एक बार फिर से श्रमिक सुरक्षा और कार्यस्थलों पर सुरक्षा मानकों की उपेक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जासलपुर गांव में जिस तरह दीवार गिरी और श्रमिकों को अपनी जान गंवानी पड़ी, वह निजी निर्माण कंपनियों द्वारा कार्यस्थल की सुरक्षा के प्रति बरती जाने वाली लापरवाही को उजागर करता है। प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार, इस मामले की जांच की जाएगी कि दुर्घटना किस कारण से हुई और क्या सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा था या नहीं।

मेहसाणा जिले की यह घटना एक दर्दनाक हादसा है, जिसने दशहरे के त्योहार की खुशियों के बीच शोक का माहौल पैदा कर दिया है। प्रधानमंत्री की संवेदनाओं और आर्थिक सहायता की घोषणा से पीड़ित परिवारों को थोड़ी राहत मिलेगी, लेकिन इस घटना ने एक बार फिर से श्रमिक सुरक्षा की अनदेखी के खतरों को उजागर किया है।