राहुल गांधी ने अमेरिका में आरएसएस और भाजपा पर छोड़े तीखे व्यंग बाण

राहुल गांधी ने अमेरिका में आरएसएस और भाजपा पर छोड़े तीखे व्यंग बाण

World

डलास, 9 सितंबर 2024। कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार 9 सितंबर 2024 को डलास में भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा हमला किया। अपने भाषण में उन्होंने कहा कि जहां RSS भारत को एक विचार के रूप में देखता है, वहीं कांग्रेस का मानना है कि भारत विचारों की बहुलता वाला देश है।

श्री गांधी ने कहा, हमारा मानना है कि हर किसी को सपने देखने और भाग लेने का अधिकार होना चाहिए, चाहे उनकी जाति, भाषा, धर्म, परंपरा या इतिहास कुछ भी हो।

उन्होंने 2024 के आम चुनावों को भारतीय जनता पार्टी के लिए बड़ा झटका बताया। उन्होंने कहा, चुनाव परिणाम के कुछ ही मिनटों बाद, हमने देखा कि भारत में कोई भी भाजपा या प्रधानमंत्री से नहीं डरता था। यह उपलब्धि कांग्रेस पार्टी की नहीं, बल्कि भारत के लोगों की है, जिन्होंने लोकतंत्र की ताकत को महसूस किया।

श्री गांधी ने जोर देकर कहा कि भारत के लोगों ने स्पष्ट रूप से समझा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संविधान पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने कहा, लोगों ने यह भी समझा कि हम अपने संविधान, धर्म और राज्यों पर हमले को स्वीकार नहीं करेंगे।

राहुल गांधी ने अपने भाषण में संविधान को आधुनिक भारत की नींव बताया और कहा कि चुनाव के दौरान उन्होंने लोगों से संवाद किया कि भाजपा हमारी परंपरा, भाषा, राज्यों और इतिहास पर हमला कर रही है। उन्होंने कहा, मैं जब संविधान उठाता था, तब लोग समझते थे कि मैं क्या कहना चाह रहा हूँ। यह लड़ाई उसी समय साफ हो गई थी जब भारत के लाखों लोगों ने यह सच्चाई समझ ली।

संसद में दिए अपने पहले भाषण का जिक्र करते हुए राहुल गांधी ने ‘अभय मुद्रा’ का वर्णन किया, जिसे उन्होंने निर्भयता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, यह निर्भयता हर एक भारतीय धर्म में मौजूद है। भाजपा इसे नहीं समझ सकी, लेकिन हम उन्हें समझाएंगे।

श्री गांधी ने भारतीय प्रवासियों की सराहना करते हुए कहा कि वे वे मूल्य अपने साथ लेकर आए हैं, जो भारत के संविधान के मूल्यों से मेल खाते हैं। उन्होंने कहा, आप अहंकार के साथ नहीं, बल्कि विनम्रता और सम्मान के साथ अमेरिका आए हैं। आपके दिलों में प्यार, स्नेह और विनम्रता है, और आप इन मूल्यों के राजदूत हैं।

उन्होंने प्रवासियों को दो संघों संयुक्त राज्य अमेरिका और भारतीय राज्यों के संघ के बीच एक सेतु बताया, जैसा कि भारत के संविधान में उल्लिखित है।