रायपुर, 3 जनवरी 2025। छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में पत्रकारिता की स्वतंत्रता और सुरक्षा पर सवाल खड़े करते हुए बीजापुर के युवा पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या कर दी गई। उनका शव 3 जनवरी को चट्टानपारा बस्ती में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के सेप्टिक टैंक में पाया गया। मुकेश एक जनवरी से लापता थे।
मुकेश चंद्राकर ने कुछ दिन पहले बस्तर क्षेत्र में एक बड़े सड़क निर्माण ठेके को लेकर एक रिपोर्ट तैयार की थी। यह आशंका जताई जा रही है कि ठेकेदार ने इस रिपोर्ट को लेकर उन्हें बात करने के लिए बुलाया था। सीसीटीवी फुटेज में मुकेश को रात 8 बजे तक अपने घर में देखा गया, लेकिन उसके बाद उनका कोई पता नहीं चला।
लापता होने के तुरंत बाद मुकेश के बड़े भाई, युकेश चंद्राकर, ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई। इस मामले की जांच के दौरान पुलिस ने चट्टानपारा बस्ती के सेप्टिक टैंक से मुकेश का शव बरामद किया।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस घटना को अत्यंत दु:खद और निंदनीय बताते हुए कहा, यह घटना न केवल पत्रकारिता पर हमला है, बल्कि पूरे समाज के लिए एक गंभीर चेतावनी है। अपराधियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। हमने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर कड़ी सजा दी जाए।
मुकेश चंद्राकर की हत्या ने पत्रकारिता के पेशे में बढ़ते खतरों और चुनौतियों को फिर उजागर कर दिया है। विशेष रूप से बस्तर जैसे क्षेत्रों में, जहां संवेदनशील मुद्दों पर रिपोर्टिंग करने वाले पत्रकार अक्सर जोखिम उठाते हैं, यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर एक गंभीर चिंता उत्पन्न करती है।
इस घटना की निंदा करते हुए कई पत्रकार संगठनों ने राज्य सरकार से निष्पक्ष और त्वरित कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि यह घटना केवल मुकेश की हत्या नहीं है, बल्कि सच्चाई की आवाज को दबाने की कोशिश है।
मुकेश चंद्राकर की हत्या न केवल पत्रकारिता समुदाय के लिए, बल्कि लोकतंत्र के लिए भी एक बड़ा झटका है। यह घटना यह सवाल उठाती है कि क्या हमारे समाज में सच्चाई को उजागर करने वालों के लिए कोई सुरक्षा है? न्याय सुनिश्चित करना न केवल उनके परिवार के लिए, बल्कि पत्रकारिता की गरिमा बनाए रखने के लिए भी आवश्यक है।
सच्चाई को दबाने की हर कोशिश को नाकाम करना ही इस घटना के खिलाफ सबसे बड़ी जीत होगी।