प्रतापगढ़, 6 जनवरी 2025। सपने तभी पूरे होते हैं, जब उन्हें पूरा करने का जज्बा दिल में हो। यही जज्बा दिखाया उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के बरौली गांव के पवन पांडेय ने, जिन्होंने सेल्फ स्टडी के दम पर यूपीएससी जैसी कठिन परीक्षा को अपने पहले ही प्रयास में क्लीयर कर लिया। उनके इस संघर्ष ने न केवल उनके शिक्षक पिता शिवपूजन पांडेय का सपना पूरा किया, बल्कि हजारों प्रतियोगी छात्रों को एक नई प्रेरणा भी दी।
बरौली गांव के रहने वाले शिवपूजन पांडेय भी कभी यूपीएससी की तैयारी करते थे। प्रयागराज में अपने दोस्तों के साथ दिन-रात मेहनत करते हुए उन्होंने इस परीक्षा में सफलता के कई सपने देखे। लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया, और उनके सभी साथी सफल हो गए, जबकि वे असफल रहे। उस दौर की एक ग्रुप फोटो, जिसमें उनके सफल साथी शामिल थे, शिवपूजन ने अपने घर की दीवार पर टांग रखी थी।
यह फोटो उनके बेटे पवन के लिए प्रेरणा बन गई। पवन ने पिता की अधूरी ख्वाहिश को अपनी जिंदगी का मकसद बना लिया। उन्होंने बिना किसी कोचिंग के, सिर्फ अपनी मेहनत और लगन के दम पर तैयारी शुरू की।
16 अप्रैल 2023 को यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा 2023 का परिणाम घोषित किया। पहले जारी हुई लिस्ट में पवन का नाम नहीं था। आखिरकार, 26 अक्टूबर 2024 को जारी रिजर्व लिस्ट में पवन का नाम भी शामिल हुआ। पवन को ग्रुप ए के अधिकारी के रूप में चुना गया।
पवन पांडेय की इस सफलता ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव को गौरवान्वित किया। बरौली गांव के युवा पवन ने 22 साल की उम्र में यूपीएससी परीक्षा पास कर यह साबित कर दिया कि सपने को हकीकत में बदलने के लिए सिर्फ दृढ़ इच्छाशक्ति और अनुशासन की जरूरत होती है।
2023 में यूपीएससी ने कुल 1143 पदों पर भर्ती निकाली थी। पहले चरण में 1016 उम्मीदवार सफल हुए थे। 26 अक्टूबर 2024 को जारी रिजर्व लिस्ट में 120 और उम्मीदवारों का चयन हुआ, जिनमें 88 जनरल, 23 ओबीसी, 5 ईडब्ल्यूएस, 3 एससी और 1 एसटी वर्ग के उम्मीदवार शामिल थे। पवन ने जनरल कैटेगरी से सफलता पाई।
पवन पांडेय की कहानी हर उस प्रतियोगी के लिए प्रेरणास्रोत है, जो कठिन परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं। यह कहानी हमें सिखाती है कि असफलताएं जीवन का अंत नहीं हैं, बल्कि वे हमें नई शुरुआत का रास्ता दिखाती हैं। पवन की सफलता यह संदेश देती है कि अगर आप दृढ़ संकल्प के साथ प्रयास करेंगे, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं है।
बरौली गांव का यह बेटा आज पूरे देश के युवाओं के लिए एक मिसाल बन चुका है।