कानपुर, 10 सितंबर 2024। कानपुर में भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई का दावा करने वाले अधिकारियों की नाक के नीचे रिश्वतखोरी अपने चरम पर है। इस बात की पुष्टि कानपुर में हुई हालिया घटना ने कर दी, जब एसीपी बाबूपुरवा के पेशकार को रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया गया। दिव्यांग वादी से मुकदमे के आरोपितों के खिलाफ चार्जशीट लगाने के लिए पेशकार ने 15 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
विजिलेंस की टीम ने पेशकार शहनवाज खान को 15 हजार रुपये लेते हुए पकड़ा। टीम ने उसे हिरासत में लेकर कार्यालय ले जाकर पूछताछ की, जिसके बाद इंस्पेक्टर विजिलेंस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया।
जूही लाल कॉलोनी के निवासी 32 वर्षीय ई-रिक्शा चालक रिंकू पासवान, जो बाएं पैर से दिव्यांग हैं, इस मामले के वादी हैं। रिंकू के बड़े भाई मोनू के अनुसार, घटना की शुरुआत 13 जून को हुई, जब उनके पड़ोसी मोना कश्यप का पालतू कुत्ता रिंकू के ई-रिक्शा की गद्दी फाड़ दिया। इस बात को लेकर हुए विवाद में मोना, उसके भाई राजा और भतीजे समीर ने रिंकू और उनके परिवार से मारपीट की और जातिसूचक गालियां भी दीं।
पहले किदवई नगर थाने में मामले की अनसुनी हुई, जिसके बाद डीसीपी दक्षिण से शिकायत की गई। आठ जुलाई को फिर से पड़ोसी आकाश ने मोना के कुत्ते को रिंकू के रिक्शे पर बैठा दिया, जिसके बाद दोबारा विवाद हुआ और रिंकू को जेल भिजवाने की धमकी दी गई। पुलिस आयुक्त के आदेश पर 15 जुलाई को किदवई नगर थाने में मारपीट, एससी-एसटी एक्ट और धमकी की धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज हुआ।
तीन दिन पहले रिंकू और उनकी मां ने एसीपी बाबूपुरवा कार्यालय जाकर मामले की जानकारी ली। आरोप है कि एसीपी अमरनाथ यादव के पेशकार शहनवाज खान और सिपाही योगेश कुमार ने चार्जशीट लगाने के लिए 20 हजार रुपये की रिश्वत मांगी। बाद में 15 हजार रुपये में सौदा तय हो गया।
विजिलेंस इंस्पेक्टर इन्दू यादव ने बताया कि रिंकू पासवान ने कार्यालय आकर इस रिश्वतखोरी की जानकारी दी, जिसके बाद मामले की जांच की गई। सोमवार को रिंकू को केमिकल लगे 15 हजार रुपये दिए गए, ताकि पेशकार को रंगेहाथ पकड़ा जा सके।
शाम को रिंकू अपनी मां के साथ एसीपी बाबूपुरवा कार्यालय पहुंचे और जैसे ही शहनवाज को रुपये दिए, विजिलेंस टीम ने उसे पकड़ लिया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा दर्ज किया गया है।