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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत ने बढ़ाया वीजा

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नई दिल्ली, 8 जनवरी 2025। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का वीजा भारत ने बढ़ा दिया है। यह फैसला तब लिया गया, जब ढाका ने उनके प्रत्यर्पण की मांग की है। वीजा अवधि बढ़ाने के कदम में केंद्रीय गृह मंत्रालय शामिल था, जिसे ऐसे मामलों पर हस्ताक्षर करना होता है और यह स्थानीय विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय के माध्यम से किया गया है। हसीना का वीजा इसलिए बढ़ाया गया है, ताकि वह देश में रह सकें।

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली ढाका की अंतरिम सरकार ने 23 दिसंबर 2024 को विदेश मंत्रालय को एक नोट वर्बेल या बिना हस्ताक्षर वाला राजनयिक नोट भेजा था। इस पत्राचार के माध्यम से ढाका ने भारत से अपदस्थ प्रधानमंत्री को वापस बांग्लादेश भेजने की मांग की थी। इस मामले में जब विदेश मंत्रालय से सवाल पूछा गया था तो उनके प्रवक्ता ने कोई जवाब नहीं दिया था। बताया जा रहा है कि भारत के प्रतिक्रिया देने की संभावना कम है।

भारत के वीजा बढ़ाने के फैसले को इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि कुछ दिन पहले बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने हसीना के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। न्यायमूर्ति मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मजूमदार की अध्यक्षता वाले न्यायाधिकरण ने वारंट हसीना समेत 10 अन्य के खिलाफ जबरन गायब करने और न्यायेतर हत्याओं के आरोप में जारी किया। न्यायाधिकरण ने अधिकारियों को 12 फरवरी से पहले हसीना समेत अन्य को गिरफ्तार कर पेश करने को कहा है।

वीजा बढ़ाने की खबरों से पहले ढाका के एक अधिकारी ने बताया था कि जुलाई में विरोध-प्रदर्शन के दौरान लोगों को गायब करने और हत्याओं में शामिल हसीना समेत 97 लोगों के पासपोर्ट रद्द किए गए हैं। मुख्य सलाहकार के उप प्रेस सचिव अबुल कलाम आजाद मजूमदार ने कहा, पासपोर्ट विभाग ने जबरन गायब किए गए 22 लोग और हसीना सहित 75 लोगों के पासपोर्ट जुलाई में हुई हत्याओं में उनकी संलिप्तता के कारण रद्द किए हैं।

शेख हसीना ने अगस्त में छोड़ा था देश

बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर सत्ता विरोध प्रदर्शन और हिंसा शुरू होने पर शेख हसीना अपनी छोटी बहन शेख रेहाना के साथ भारत आ गई थीं। शेख परिवार की दोनों महिलाएं 5 अगस्त से दिल्ली में हैं और उनको पूरी सुरक्षा प्रदान की जा रही है। दोनों बहनों ब्रिटेन समेत अन्य यूरोपीय देशों में शरण मांग रही हैं, जबकि अभी तक कहीं से मंजूरी नहीं मिली है। दूसरी तरफ, बांग्लादेश भी हसीना के प्रत्यर्पण का दबाव बना रहा है।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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