गौरा (प्रतापगढ़), 9 जनवरी 2025। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में टीबी रोगियों की पहचान और उनके उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा 100 दिवसीय सघन टीबी खोज अभियान चलाया जा रहा है। यह अभियान 7 दिसंबर 2024 से शुरू हुआ और 24 मार्च 2025 तक चलेगा।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गौरा के अधीक्षक डॉ. अजय कुमार सिंह के मार्गदर्शन में इस अभियान को प्रभावी तरीके से संचालित किया जा रहा है। गुरुवार, 9 जनवरी को आयुष्मान आरोग्य मंदिर, सुल्तानपुर में अभियान की प्रगति की समीक्षा बैठक हुई, जिसमें वरिष्ठ उपचार पर्यवेक्षक दिवाकर सिंह ने कार्यक्रम के अगले चरणों पर चर्चा की।
बैठक में सीएचओ अश्वी अस्थाना ने आशा कार्यकर्ताओं को अभियान की गतिविधियों और उनकी भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस अभियान के तहत ग्रामीण और शहरी इलाकों में घर-घर जाकर संभावित टीबी रोगियों की पहचान की जा रही है और उन्हें जांच व उपचार के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
दिवाकर सिंह ने कहा, इस अभियान में आशा कार्यकर्ता महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। वे न केवल रोगियों की पहचान कर रही हैं, बल्कि उन्हें समय पर स्वास्थ्य सुविधाओं तक पहुंचाने का काम भी कर रही हैं। उनके प्रयासों से ही टीबी मुक्त भारत का सपना साकार होगा।
बैठक में आशा कार्यकर्ता सुमन श्रीवास्तव, संगीता देवी, संगीता जायसवाल, सरोज कुमारी, और सुदामा देवी समेत अन्य सदस्य उपस्थित थे।
यह अभियान जिले में टीबी उन्मूलन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और स्वास्थ्य विभाग की सक्रियता इस रोग के प्रभाव को कम करने में सहायक साबित हो रही है।