संघर्ष, मेहनत और सफलता की मिसाल: आईपीएस अपर्णा रजत कौशिक
नई दिल्ली, 10 जनवरी 2025। सेल्फ स्टडी से यूपीएससी क्रैक किया और पहले ही प्रयास में आईपीएस बन गईं। यह कहानी है संघर्ष, संकल्प और सफलता की मिसाल बनीं उत्तर प्रदेश के रामपुर की रहने वाली आईपीएस अधिकारी अपर्णा रजत कौशिक की।
2015 बैच की इस अधिकारी ने न केवल अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, बल्कि समाज के लिए प्रेरणा भी बनीं। वर्तमान में अमेठी जिले की एसपी के रूप में कार्यरत अपर्णा इससे पहले कासगंज और औरैया जैसे जिलों की कमान संभाल चुकी हैं।
1991 में जन्मीं अपर्णा की जिंदगी शुरू से आसान नहीं थी। उनके पिता रणवीर सिंह गौतम, जो सब-रजिस्ट्रार थे, का निधन उनके जन्म से पहले ही हो गया। परिवार की पूरी जिम्मेदारी उनकी मां प्रीति गौतम पर आ गई। मां ने ही उन्हें न केवल जीवन के संघर्षों से लड़ने का साहस दिया, बल्कि एक मजबूत नींव भी तैयार की। अपर्णा अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपनी मां को देती हैं।
अपर्णा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा रामपुर से की। 2006 में हाईस्कूल की परीक्षा में राज्य की टॉपर रहीं। इसके बाद उन्होंने जयपुर के सेंट जेजियस स्कूल से 12वीं पास की और फिर एनआईटी प्रयागराज से बीटेक की पढ़ाई की। 2012 में बीटेक पूरी करने के बाद, उन्होंने गुरुग्राम में एक बिजनेस एनालिस्ट के रूप में 18 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर नौकरी शुरू की।
अपर्णा का कहना है कि उनकी कॉर्पोरेट नौकरी आरामदायक थी। ऑफिस की गाड़ी उन्हें घर से लाती और छोड़ती, लेकिन उनका सपना इससे बड़ा था जनता की सेवा करना। नौकरी के दौरान ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू की। सेल्फ स्टडी और दृढ़ निश्चय की बदौलत उन्होंने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली।
अपर्णा का व्यक्तिगत जीवन भी समाज को प्रेरणा देने वाला है। 2018 में उन्होंने उत्तराखंड की पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार साधारण तरीके से विवाह किया। उन्होंने शादी के खर्च को कम रखते हुए बचाई गई राशि को महिला सहायता समूह को दान कर दिया। उनका संदेश साफ है—शादियों में फिजूल खर्च से बचें और इन पैसों को समाज की भलाई में लगाएं।
युवाओं के लिए संदेश
अपर्णा कहती हैं, संघर्ष और मेहनत ही सफलता की कुंजी है। हमें अपने सपनों को पाने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ आगे बढ़ना चाहिए। मेहनत का कोई विकल्प नहीं होता।
आईपीएस अपर्णा रजत कौशिक की कहानी न केवल प्रेरणादायी है, बल्कि यह साबित करती है कि अगर हौसला बुलंद हो, तो कोई भी सपना हकीकत बन सकता है।