नई दिल्ली, 16 जनवरी 2024। आपदा प्रबंधन की शिक्षा को स्कूली शिक्षा में शामिल किया जाएगा। इसे स्कूली स्तर पर अनिवार्य बनाने से बच्चों में प्रारंभिक रूप से जागरूकता विकसित होगी। इससे न केवल भविष्य में आपदाओं का बेहतर सामना किया जा सकेगा, बल्कि आपदा जोखिम को भी न्यूनतम किया जा सकेगा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आपदा प्रबंधन और जोखिम न्यूनीकरण में भारत की प्रगति को रेखांकित करते हुए कहा कि आपदा प्रबंधन की शिक्षा बचपन से दी जानी चाहिए। इससे न केवल आपदाओं से निपटने की देश की क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि रोकथाम के प्रयास भी अधिक प्रभावी हो सकेंगे।
श्री गोयल ने यह बात आपदा प्रबंधन और जोखिम न्यूनीकरण पर आयोजित विश्व कांग्रेस पुरस्कार समारोह में कही। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में समन्वय और सुधार के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख किया।
भारत आपदा राहत में अग्रणी
मंत्री ने कहा, आज भारत प्राकृतिक आपदाओं के समय अपनी मानवीय पहलों के लिए विश्व में एक प्रमुख भूमिका निभा रहा है। विकासशील देशों के लिए सहायता लेकर सबसे पहले पहुंचने वाले देश के रूप में भारत का नाम सम्मान के साथ लिया जाता है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों में आपदा राहत के बजट में तीन गुना वृद्धि की गई है।
प्रधानमंत्री के 10 सूत्रीय एजेंडे का प्रभाव
पीयूष गोयल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 10 सूत्रीय एजेंडे की प्रशंसा की, जिसमें जोखिम कवरेज, महिला नेतृत्व, प्रौद्योगिकी, अनुसंधान, मीडिया, क्षमता निर्माण और जलवायु-लचीले बुनियादी ढांचे के निर्माण पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि यह दृष्टिकोण भारत को आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में वैश्विक नेतृत्व प्रदान कर रहा है।