- 10 फरवरी को लोकसभा में पेश होने की उम्मीद
नई दिल्ली, 8 फरवरी 2025। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में नए आयकर विधेयक को मंजूरी दे दी गई है। अब इसके सोमवार को लोकसभा में पेश किए जाने की उम्मीद है।
इसके पास होने के बाद आयकर में किसी प्रकार की राहत या आयकर अधिनियम में संशोधन के लिए बजट का इंतजार करने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी। यह विधेयक 6 दशक पुराने आयकर अधिनियम, 1961 की जगह लेगा। नए आयकर विधेयक को 6 महीनों में तैयार किया गया है।
इसमें करदाताओं के लिए कर अनुपालन को आसान बनाने के साथ इसे पढ़ने और समझने में आसान बनाने के लिए भाषा को सरल बनाने के प्रयास किए गए हैं। यह विधेयक करदाताओं को अनेक मुकदमेबाजी से बचने में मदद करेगा। लोकसभा में पेश होने के बाद विधेयक को व्यापक परामर्श के लिए वित्त संबंधी संसद की स्थायी समिति को भेजा जा सकता है। बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यह विधेयक न्याय के उसी दर्शन को मूर्त रूप देगा जो भारतीय न्याय संहिता के मूल में था। इस कानून ने जुलाई 2024 से भारतीय दंड संहिता 1860 को निरस्त कर दिया है। इस विधेयक में सरलीकृत निवास नियम लाए जाने की उम्मीद है।
मौद्रिक और राजकोषीय नीति में एकरूपता जरुरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि विकास हो या मुद्रास्फीति मौद्रिक और राजकोषीय नीति एक साथ चलने से अर्थव्यवस्था को लाभ होगा। श्रीमती सीतारमण ने भारतीय रिजर्व बैंक बोर्ड को बजट की घोषणाओं से अवगत कराने के बाद आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा के साथ संवाददाताओं को संबोधित करते हुये यह बात कही।
उन्होंने कहा कि राजकोषीय और मौद्रिक नीति उपायों से उपभोग में टिकाऊ सुधार की उम्मीद है। इस दौरान श्री मल्होत्रा ने यह पूछे जाने पर कि क्या आयकर में कटौती और रेपो दर में कटौती से खपत बढ़ेगी, कहा कि रेपो दर में कटौती से इसे समर्थन मिलने में मदद मिलेगी। विभिन्न वित्तीय नियामकों के लिए कई मुद्दे समान हैं। हम सिस्टम को बेहतर बनाने के लिए भुगतान, साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर विचार कर सकते हैं। केन्द्रीय बैंक ऋण की सुगमता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है और इसे आगे बढ़ाएगा।