नई दिल्ली, 19 सितंबर 2024। यूपी के प्रतापगढ़ जिले की कुंडा विधानसभा के विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया एक बार फिर देशभर में सुर्खियों में हैं। इस बार मुद्दा वक्फ बोर्ड से जुड़ा है, जिसे लेकर राजा भैया ने मोदी सरकार के नए विधेयक की जोरदार सराहना की है। गुजरात के राजकोट में आयोजित एक समारोह में उन्होंने बिना किसी का नाम लिए स्पष्ट कहा कि हमारे नेता ने जो एक कठिन निर्णय लिया है, हमें उन्हें प्रोत्साहित करने की जरूरत है।
राजा भैया ने मोदी सरकार द्वारा संसद में लाए गए वक्फ बोर्ड विधेयक की खुलकर तारीफ की। उन्होंने इसे एक ‘कठिन निर्णय’ करार देते हुए कहा कि मौजूदा समय में ऐसे निर्णय लेना आसान नहीं होता। उन्होंने जनता से अपील की कि जब हमारे नेता कड़े निर्णय ले रहे हैं, तो हमें उनका प्रोत्साहन करना चाहिए। राजा भैया का यह बयान न केवल वक्फ बोर्ड के मौजूदा स्वरूप की आलोचना है, बल्कि मोदी सरकार की इस दिशा में की गई कार्रवाई का समर्थन भी है।
राजा भैया के बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि वक्फ बोर्ड का मुद्दा आने वाले दिनों में एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सकता है। उनके इस बयान से हिंदूवादी संगठनों और भाजपा के समर्थकों में खुशी की लहर है, जबकि दूसरी ओर इस्लामिक संगठनों और विपक्षी दलों ने इसे ‘धार्मिक ध्रुवीकरण’ का प्रयास बताया है।
राजकोट से उठी नई बहस
राजा भैया की यह टिप्पणी केवल उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं रही, बल्कि उन्होंने गुजरात की धरती से इस मुद्दे को उठाया। सितंबर 2024 के मध्य में गुजरात के राजकोट में अपने प्रवास के दौरान, महाराज मांधाता सिंह द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में उन्होंने वक्फ बोर्ड की ‘भयावहता’ का जिक्र किया और इसे एक राष्ट्रीय चिंता का विषय बताया। उनके इस बयान से न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई, बल्कि जनता के बीच भी इस विषय पर चर्चा तेज हो गई।
वक्फ बोर्ड की भयावहता का खुलासा
अपने संबोधन में राजा भैया ने कहा कि भारत को छोड़कर दुनिया के किसी भी देश में वक्फ बोर्ड जैसी कोई संस्था नहीं है। उन्होंने 2013 में यूपीए सरकार द्वारा वक्फ बोर्ड की शक्तियों में किए गए विस्तार का भी उल्लेख किया। उन्होंने इसे एकतरफा और विशेषाधिकारयुक्त ताकत बताते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड की इतनी ताकत होना देश के लिए घातक हो सकता है। राजा भैया ने साफ कहा कि वक्फ बोर्ड का मौजूदा स्वरूप और उसकी शक्तियां भारतीय समाज और संविधान के लिए एक बड़ी चुनौती है।
वक्फ बोर्ड की शक्तियों पर सवाल
राजा भैया ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों और उसके अधिकार क्षेत्र पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की शक्ति का दायरा इतना बड़ा है कि वह बिना किसी न्यायिक हस्तक्षेप के संपत्तियों को अपने अधीन कर सकता है। उन्होंने 2013 के वक्फ एक्ट का जिक्र करते हुए बताया कि इस एक्ट के तहत वक्फ बोर्ड को जो अधिकार मिले हैं, वे सामान्य नागरिक अधिकारों के विपरीत हैं।
राजा भैया ने कहा कि मौजूदा समय में वक्फ बोर्ड के समर्थन में कुछ मौलाना मोबाइल के जरिए समर्थन जुटाने की कोशिश कर रहे हैं, जो कि एक गंभीर स्थिति को दर्शाता है। उन्होंने कहा, यह केवल राजनीतिक मुद्दा नहीं है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक संतुलन का मामला है।
राजनीतिक और सामाजिक ध्रुवीकरण
राजा भैया के इस बयान ने न सिर्फ राजनीतिक माहौल को गरमा दिया है, बल्कि सामाजिक और धार्मिक ध्रुवीकरण का भी संकेत दिया है। वक्फ बोर्ड के मुद्दे पर अक्सर देश में विवाद होता रहा है, और राजा भैया के इस आक्रामक रुख ने इस विवाद को एक नया मोड़ दे दिया है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना और उसे संविधान के दायरे में लाना जरूरी है।
राष्ट्रीय सुरक्षा की राजा भैया ने की अपील
राजा भैया ने अपने बयान में जोर देकर कहा कि वक्फ बोर्ड की मौजूदा शक्तियां राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की रक्षा करना केवल राजनेताओं का काम नहीं है, इसके लिए सभी को अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी। उनका यह बयान इस ओर संकेत करता है कि वक्फ बोर्ड की शक्ति और उसका मौजूदा स्वरूप समाज के सभी वर्गों के लिए चिंता का विषय है।
राजा भैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण लाने के लिए जो कदम उठाए हैं, वे प्रशंसनीय हैं। उन्होंने कहा, यह एक कठिन निर्णय है और इसे लागू करना उतना ही चुनौतीपूर्ण होगा। लेकिन हमें अपने नेता के इस कदम का समर्थन करना चाहिए और उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए।
क्या है वक्फ बोर्ड विवाद
वक्फ बोर्ड एक इस्लामी संस्था है, जो धर्मार्थ और धार्मिक उद्देश्यों के लिए संपत्तियों की देखभाल करती है। भारत में वक्फ बोर्ड के पास विशाल संपत्तियां हैं और इसके अधिकार क्षेत्र का विस्तार तेजी से हुआ है। 2013 में यूपीए सरकार द्वारा वक्फ एक्ट में संशोधन के बाद वक्फ बोर्ड की शक्तियों में बड़ा इजाफा हुआ। इस एक्ट के तहत वक्फ बोर्ड को किसी भी संपत्ति को अपने अधीन करने का अधिकार मिल गया, जिससे कई विवाद खड़े हो गए। राजा भैया ने इसी मुद्दे को उठाते हुए इसे ‘भयावह’ करार दिया और मोदी सरकार के इस दिशा में कदम उठाने की सराहना की।
समाज के लिए संदेश
राजा भैया ने अपने बयान में जनता से भी अपील की है। उन्होंने कहा, राष्ट्र की रक्षा करना केवल सरकार का काम नहीं है। हमें भी अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा और सही मुद्दों पर अपने नेताओं का समर्थन करना होगा। उनका यह संदेश समाज के हर वर्ग के लिए है, ताकि वे इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जागरूक रहें और राष्ट्रीय हित में सोचें।
राजा भैया का यह बयान वक्फ बोर्ड के मौजूदा स्वरूप और उसकी शक्तियों पर सीधा हमला है। उन्होंने मोदी सरकार द्वारा लाए गए विधेयक की तारीफ करते हुए इसे एक ‘कठिन निर्णय’ करार दिया। उनके इस बयान ने न केवल राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मचा दिया है, बल्कि समाज के विभिन्न वर्गों में भी इस मुद्दे पर चर्चा को बढ़ावा दिया है। वक्फ बोर्ड का मुद्दा आने वाले समय में एक बड़ा राजनीतिक और सामाजिक विषय बन सकता है, जिसमें राजा भैया की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।