स्टेट बैंक की लीलापुर शाखा में हुए 5 करोड़ के घोटाले की जांच करेगी सीबीआई

स्टेट बैंक की लीलापुर शाखा में हुए 5 करोड़ के घोटाले की जांच करेगी सीबीआई

Pratapgarh

प्रतापगढ़, 21 सितंबर 2024। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने प्रतापगढ़ के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की लीलापुर शाखा में हुए लगभग पांच करोड़ रुपये के घोटाले की जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। अब तक इस मामले की जांच स्थानीय पुलिस कर रही थी, लेकिन पीड़ित ग्राहकों की असंतुष्टि और याचिका के आधार पर यह फैसला लिया गया।

यह निर्णय जस्टिस विवेक चौधरी और जस्टिस ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने मिथिलेश कुमार तिवारी व अन्य की याचिका पर सुनवाई के बाद पारित किया। याचिकाकर्ताओं ने स्थानीय पुलिस की जांच प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की थी, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।

क्या है मामला

इस घोटाले में बैंक के तत्कालीन अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने बाहरी लोगों से सांठगांठ कर कई ग्राहकों की एफडी (फिक्स्ड डिपॉजिट) को गिरवी रखते हुए लगभग 4 करोड़ 98 लाख 30 हजार रुपये का ऋण दिया। हैरानी की बात यह है कि ग्राहकों को इस ऋण के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।

मामले में तत्कालीन शाखा प्रबंधक जयनाथ सरोज को मुख्य अभियुक्त बनाया गया है। बैंक अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए यह घोटाला किया।

कोर्ट ने सीबीआई जांच क्यों सौंपी

सुनवाई के दौरान, कोर्ट ने आरबीआई के एक जुलाई 2016 के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि तीन करोड़ से 25 करोड़ रुपये के बीच के घोटाले के मामलों में पब्लिक सेक्टर बैंकों के लिए सीबीआई द्वारा जांच होनी चाहिए। कोर्ट ने पाया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई जांच जरूरी है, ताकि दोषियों को सजा मिल सके और पीड़ित ग्राहकों को न्याय मिल सके।

क्या होगा आगे

अब इस मामले की पूरी जांच सीबीआई को सौंप दी गई है, जिससे उम्मीद है कि मामले में निष्पक्ष और गहन जांच होगी। यह निर्णय बैंकिंग और वित्तीय संस्थानों में हो रहे घोटालों को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

पीड़ित ग्राहकों को उम्मीद है कि सीबीआई की जांच से सच्चाई सामने आएगी और दोषियों को सख्त सजा मिलेगी।