हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम, पहचान और उपचार के लिए ‘क्वाड कैंसर मूनशॉट’ पहल की घोषणा की गई
विलमिंगटन, 23 सितंबर 2024। छठे क्वाड शिखर सम्मेलन में एक ऐतिहासिक पहल के तहत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम, पहचान और उपचार के लिए ‘क्वाड कैंसर मूनशॉट’ पहल की घोषणा की गई। इस महत्वपूर्ण बैठक की मेजबानी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने की, जिसमें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशिदा और ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज़ ने भी भाग लिया।
‘क्वाड कैंसर मूनशॉट’ पहल का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सर्वाइकल कैंसर के खिलाफ लड़ाई को तेज करना है। इस पहल के तहत भारत 75 लाख डॉलर मूल्य की एचपीवी सैंपलिंग और डिटेक्शन किट्स उपलब्ध कराएगा, और 40 करोड़ वैक्सीन खुराक के ऑर्डर का समर्थन करेगा। यह पहल न केवल कैंसर की पहचान और उपचार में मददगार साबित होगी, बल्कि टीकाकरण के जरिए लाखों जिंदगियां भी बचाई जाएंगी।
राष्ट्रपति बिडेन ने अपने संबोधन में इस पहल की शुरुआत पर गर्व जताते हुए कहा, हमारा लक्ष्य पूरे विश्व से कैंसर का खात्मा करना है, जिसकी शुरुआत सर्वाइकल कैंसर से हो रही है। यह एक ऐसा कैंसर है जिसे रोका जा सकता है, फिर भी हर साल यह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में करीब डेढ़ लाख महिलाओं की जान ले लेता है।
अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और निवेश
क्वाड कैंसर मूनशॉट पहल के जरिए चारों देशों के बीच अस्पतालों, शोध केंद्रों और कैंसर फ़ाउंडेशनों के बीच गहरा सहयोग बढ़ेगा। इसके तहत स्क्रीनिंग, उपचार और शोध में निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा, और पूरे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में टीकाकरण को भी गति दी जाएगी। राष्ट्रपति बिडेन ने कहा, यह पहल हर कैंसर रोगी, उत्तरजीवी और उनके परिवारों के लिए एक आशा की किरण है। साथ मिलकर काम करने से कैंसर को हराना असंभव नहीं है।
अंतर्राष्ट्रीय नेतृत्व की भूमिका
इस शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस पहल का समर्थन किया और कहा कि भारत इस अंतर्राष्ट्रीय प्रयास में सक्रिय भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल विज्ञान और चिकित्सा क्षेत्र में नवाचार का प्रतीक है, बल्कि वैश्विक स्वास्थ्य सहयोग का एक नया अध्याय भी लिखेगी।