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संयुक्त राष्ट्र महासभा में रखा गया 2030 तक दुनिया से एड्स के खात्मे का लक्ष्य

2030 तक दुनिया से एड्स के खात्मे का लक्ष्य

न्यूयॉर्क, 27 सितंबर 2024। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के दौरान यूएनएड्स, ग्लोबल फंड और पीईपीएफएआर द्वारा आयोजित उच्च स्तरीय बैठक में भारत ने सक्रिय रूप से भाग लिया। इस बैठक का विषय था ‘रिवाइटलाइज्ड मल्टीलैटरलिज्म: रिकमिटिंग टू एंडिंग एड्स टुगेदर’, जिसमें एड्स उन्मूलन के लिए वैश्विक सहयोग को फिर से सुदृढ़ करने पर जोर दिया गया।

इस उच्च स्तरीय बैठक में भाग लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने भारत ने एड्स के उन्मूलन के लिए अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया और बहुपक्षीय सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। भारत ने इस मंच पर यह भी बताया कि कैसे देश ने एड्स के खिलाफ लड़ाई में अपने राष्ट्रीय कार्यक्रमों और वैश्विक पहलों के माध्यम से उल्लेखनीय प्रगति की है।

एड्स उन्मूलन में भारत की भूमिका

भारत ने एचआईवी/एड्स के खिलाफ लड़ाई में एक मॉडल के रूप में उभरते हुए विभिन्न नीतियों और कार्यक्रमों को लागू किया है। इसके साथ ही, एड्स के उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए यूएनएड्स, ग्लोबल फंड और पीईपीएफएआर जैसी अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम करने की अपनी प्रतिबद्धता को पुनः सुदृढ़ किया।

बैठक में यह भी चर्चा की गई कि कैसे वैश्विक स्तर पर एड्स उन्मूलन के लिए किए जा रहे प्रयासों को तेज करना जरूरी है और बहुपक्षीय सहयोग इसे सफल बनाने का एक महत्वपूर्ण तरीका है।

रिवाइटलाइज्ड मल्टीलैटरलिज्म का महत्व

इस बैठक का मुख्य विषय ‘रिवाइटलाइज्ड मल्टीलैटरलिज्म’ था, जो यह दर्शाता है कि एड्स जैसी गंभीर वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए केवल एक देश के प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। इस संदर्भ में सभी देशों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को मिलकर काम करने की आवश्यकता है, ताकि 2030 तक एड्स का अंत करने के वैश्विक लक्ष्य को प्राप्त किया जा सके।

भारत ने इस मंच पर साझा किया कि देश में एड्स के प्रसार को नियंत्रित करने और लोगों को सस्ती और सुलभ चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए कई अभिनव उपाय किए गए हैं। राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (NACO) की सफलताएं और सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से एचआईवी/एड्स जागरूकता को बढ़ावा देने वाले कार्यक्रमों को विशेष रूप से सराहा गया।

यूएनएड्स, ग्लोबल फंड और पीईपीएफएआर के नेतृत्व में आयोजित इस उच्च स्तरीय बैठक में भारत की सक्रिय भागीदारी ने यह संदेश दिया कि वैश्विक स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए बहुपक्षीय सहयोग अत्यंत आवश्यक है। एड्स उन्मूलन की दिशा में अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ काम करते हुए, भारत ने इस लड़ाई में अपनी मजबूत प्रतिबद्धता और सहयोग की भावना को एक बार फिर से रेखांकित किया।

इस बैठक के माध्यम से, दुनिया के सभी देश एड्स के उन्मूलन के अपने संकल्प को मजबूत कर एकजुट होकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध हुए, ताकि एक स्वस्थ और सुरक्षित भविष्य की दिशा में सामूहिक प्रयास जारी रखा जा सके।