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सरकार ने गैर-बासमती चावल पर निर्यात शुल्क घटाया, किसानों को राहत

सरकार ने गैर-बासमती चावल पर निर्यात शुल्क घटाया, किसानों को राहत

नई दिल्ली, 29 सितंबर 2024। सरकार ने गैर-बासमती चावल के निर्यात पर से शुल्क हटा दिया है, जबकि उबले चावल पर शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। यह कदम ऐसे समय पर उठाया गया है जब बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य हटाए जाने के मात्र एक पखवाड़े बाद ही यह नई नीति लागू की गई है।

वित्त मंत्रालय के अधीन राजस्व विभाग ने शुक्रवार रात जारी की गई अधिसूचना में कहा कि उसने भूसी वाले चावल और धान पर भी निर्यात शुल्क घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। अब तक इन किस्मों पर 20 प्रतिशत शुल्क लगाया जाता था। अधिसूचना के मुताबिक, ये बदलाव 28 सितंबर 2024 से प्रभावी हो गये हैं।

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में, सरकार ने बासमती चावल के निर्यात को बढ़ावा देने और किसानों की आय में वृद्धि के लिए इसके न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) को समाप्त किया था। अब, सरकार ने गैर-बासमती सफेद चावल पर से 20 जुलाई 2023 से लगे निर्यात प्रतिबंध को भी हटा दिया है। हालांकि, निर्यात के लिए 490 डॉलर प्रति टन का न्यूनतम मूल्य निर्धारित किया गया है ताकि घरेलू आपूर्ति पर कोई प्रभाव न पड़े।

विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) ने अधिसूचना जारी कर यह स्पष्ट किया है कि गैर-बासमती सफेद चावल की निर्यात नीति में संशोधन किया गया है, जिससे यह अब प्रतिबंधित से मुक्त कर दी गई है। यह 490 अमेरिकी डॉलर प्रति टन के एमईपी के अधीन होगी और तत्काल प्रभाव से लागू है।