छत्तीसगढ़ के वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने 3 मार्च 2025 को अपने कार्यकाल का दूसरा बजट विधानसभा में प्रस्तुत किया। इस बजट की टैगलाइन “गति” (GATI) रखी गई, जिसका अर्थ गुड गवर्नेंस, एक्सेलरेटिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी, इंडस्ट्रियल ग्रोथ से जुड़ा है। इस बजट को अटल निर्माण वर्ष का केंद्र बिंदु बताया गया, जो राज्य में तेज आर्थिक और बुनियादी ढांचे के विकास की ओर संकेत करता है।
बजट 2025 की थीम से स्पष्ट है कि सरकार गुड गवर्नेंस यानी सुशासन को प्राथमिकता दे रही है। प्रशासनिक सुधारों के साथ-साथ बुनियादी ढांचे के तेजी से विकास, आधुनिक तकनीकों के उपयोग और औद्योगिक विकास पर जोर दिया गया है। इन चार स्तंभों के सहारे छत्तीसगढ़ सरकार राज्य को नई ऊंचाइयों तक ले जाने की तैयारी कर रही है।
छत्तीसगढ़ को औद्योगिक और तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में उठाए गए कदम न केवल आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देंगे बल्कि रोजगार के नए अवसर भी सृजित करेंगे। विशेष रूप से, इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के लिए किए गए बजटीय प्रावधान राज्य में सड़कों, परिवहन और शहरी सुविधाओं को बेहतर बनाने में सहायक होंगे।
हर बजट के साथ उम्मीदें भी जुड़ी होती हैं। छत्तीसगढ़ के नागरिक इस बजट से रोजगार, कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्योगों को लेकर ठोस नीतियों की अपेक्षा रखते हैं। वित्त मंत्री ने इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास को गति देने की जो रूपरेखा प्रस्तुत की है, उसका लाभ तभी मिलेगा जब योजनाओं को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू किया जाएगा।
इसके अलावा, यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह बजट किसानों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों और महिलाओं को कितना लाभ पहुंचा पाता है। विकास तभी समावेशी होगा जब समाज के सभी वर्गों को इसका लाभ मिलेगा। ओपी चौधरी का यह दूसरा बजट छत्तीसगढ़ को गति देने की एक महत्वाकांक्षी पहल है।
यदि सरकार अपनी योजनाओं को कुशलतापूर्वक लागू करती है, तो यह बजट छत्तीसगढ़ के आर्थिक और सामाजिक विकास की दिशा में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है। अब देखना यह होगा कि यह “गति” वास्तव में राज्य को प्रगति के पथ पर कितना आगे ले जा पाती है।