प्रतापगढ़, 5 मार्च 2025। उत्तर प्रदेश के हृदयस्थल में बसा प्रतापगढ़ अब दुग्ध क्रांति की नई इबारत लिखने जा रहा है। यहां अमूल डेयरी ने एक लाख लीटर दूध की क्षमता वाला चिलिंग सेंटर स्थापित कर किसानों और पशुपालकों के लिए समृद्धि का नया द्वार खोल दिया है।
इस ऐतिहासिक क्षण का शुभारंभ जिलाधिकारी शिव सहाय अवस्थी ने विधिवत रूप से किया। इस मौके पर अमूल डेयरी के प्रबंधक, अन्य अधिकारीगण और भाजपा जिलाध्यक्ष आशीष श्रीवास्तव भी मौजूद रहे। रानीगंज तहसील क्षेत्र के सिपाह महेरी गांव में स्थापित यह सेंटर अब न सिर्फ प्रतापगढ़, बल्कि आसपास के कई जिलों के किसानों के लिए एक वरदान साबित होगा।
अमूल डेयरी ने इस चिलिंग सेंटर के माध्यम से 200 गांवों में पशुपालकों की समितियां गठित करने का निर्णय लिया है। इन समितियों के माध्यम से दूध एकत्र किया जाएगा और किसानों को उनकी मेहनत का पूरा लाभ मिलेगा। सबसे अहम बात यह है कि दूध की न्यूनतम कीमत 52 रुपये प्रति लीटर तय की गई है, जो पशुपालकों को आर्थिक मजबूती प्रदान करेगी।
इस नई व्यवस्था में भुगतान की पूरी पारदर्शिता रखी गई है। दूध की कीमत सीधे पशुपालकों के बैंक खातों में स्थानांतरित की जाएगी, जिससे बिचौलियों का कोई हस्तक्षेप नहीं रहेगा। इस कदम से 25,000 से अधिक किसानों को सीधा लाभ मिलेगा और वे अपनी आय को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेंगे।
प्रतापगढ़, जो अब तक अपनी सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता था, अब दूध उत्पादन के क्षेत्र में एक नई पहचान बनाने के लिए तैयार है। अमूल डेयरी का यह कदम न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा, बल्कि प्रतापगढ़ को उत्तर भारत के प्रमुख दुग्ध उत्पादन हब के रूप में स्थापित करेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस चिलिंग सेंटर के आने से गुणवत्तापूर्ण दुग्ध उत्पादन में बढ़ोतरी होगी, जिससे प्रतापगढ़ की ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ऊर्जा मिलेगी। यह पहल ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘किसान सशक्तिकरण’ की दिशा में एक मजबूत कदम साबित होगी।