नई दिल्ली, 6 मार्च 2025। हिंदी साहित्य और शिक्षण के क्षेत्र में अपनी अनूठी पहचान बना चुकीं प्रो. कुमुद शर्मा को वर्धा स्थित महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय की कुलपति नियुक्त किया गया है। यह न केवल हिंदी जगत के लिए एक गौरवशाली क्षण है, बल्कि महिला नेतृत्व को एक नई ऊंचाई देने वाला ऐतिहासिक निर्णय भी है।
हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार और शोध को नई दिशा देने वाली प्रो. कुमुद शर्मा का शैक्षणिक सफर प्रेरणादायक रहा है। उन्होंने अपनी शिक्षा दिल्ली विश्वविद्यालय से प्राप्त की और यहीं हिंदी विभाग में प्राध्यापक के रूप में कार्य करते हुए साहित्य के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी विद्वता, प्रबंधन कुशलता और हिंदी के प्रति उनके समर्पण को देखते हुए उन्हें यह प्रतिष्ठित दायित्व सौंपा गया है।
प्रो. शर्मा का मानना है कि हिंदी भाषा को वैश्विक स्तर पर मजबूत करने के लिए आधुनिक तकनीक और नवीन शैक्षणिक दृष्टिकोण को अपनाना आवश्यक है। उनकी नियुक्ति के साथ ही यह उम्मीद बढ़ गई है कि विश्वविद्यालय में हिंदी भाषा और साहित्य से जुड़े अनुसंधानों को और अधिक प्रोत्साहित किया जाएगा।
अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय सिर्फ एक शैक्षणिक संस्थान नहीं, बल्कि हिंदी भाषा के भविष्य की प्रयोगशाला है। मेरा उद्देश्य इसे एक ऐसे केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जहां हिंदी भाषा, साहित्य और संस्कृति के व्यापक अध्ययन को बढ़ावा मिले।
साहित्य और समाज में अमिट छाप
प्रो. कुमुद शर्मा का साहित्यिक योगदान भी उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने हिंदी साहित्य में नारीवादी दृष्टिकोण को मजबूती से स्थापित किया और अनेक शोधग्रंथों, आलेखों तथा पुस्तकों के माध्यम से समाज में महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनकी प्रमुख रचनाओं में नारी विमर्श और हिंदी साहित्य, सृजन और समाज, तथा हिंदी का वैश्विक परिप्रेक्ष्य जैसी पुस्तकें शामिल हैं, जो शिक्षाविदों और शोधार्थियों के लिए मार्गदर्शक बनी हुई हैं।
उनकी नियुक्ति को लेकर साहित्य और शिक्षा जगत में हर्ष का माहौल है। वरिष्ठ साहित्यकार और आलोचक प्रो. राजेश वर्मा ने कहा, प्रो. कुमुद शर्मा का कुलपति बनना इस बात का प्रमाण है कि हिंदी भाषा और साहित्य को अब नई ऊंचाइयां देने का समय आ गया है। उनकी दूरदृष्टि और नेतृत्व क्षमता निश्चित रूप से विश्वविद्यालय को नई दिशा देगी।
इसी क्रम में, हिंदी शोधार्थी एवं युवा साहित्यकारों ने भी इसे एक सकारात्मक कदम बताया। एक शोध छात्रा निधि मिश्रा ने कहा, यह हमारे लिए गर्व की बात है कि एक विदुषी महिला हिंदी भाषा और शोध को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए नेतृत्व करेंगी।
नवीन योजनाओं से जुड़ेगी हिंदी की समृद्ध परंपरा
प्रो. कुमुद शर्मा के नेतृत्व में विश्वविद्यालय में शोध और अकादमिक गतिविधियों को और अधिक सशक्त किया जाएगा। डिजिटल माध्यमों से हिंदी को वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने की योजनाएं भी बनाई जा रही हैं।
उनकी नियुक्ति से न केवल हिंदी भाषा को नया आयाम मिलेगा, बल्कि महिला नेतृत्व को भी एक सशक्त पहचान मिलेगी। हिंदी साहित्य और शिक्षा जगत अब उनकी अगुवाई में एक नए युग की ओर बढ़ने के लिए तैयार है।