रायपुर जिले के ग्राम नायकबांधा के 13 मूल खसरों की भूमि के मुआवजा वितरण में की गयी है गड़बड़ी
रायपुर, 12 मार्च 2025। छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के अंतर्गत मुआवजा वितरण में हुए भ्रष्टाचार के मामले की जांच संभाग आयुक्त से कराई जाएगी। इस बात की घोषणा बुधवार को विधानसभा में राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने की। विधानसभा में प्रश्नकाल में पूछे गये सवाल के पूरक जवाब में राजस्व मंत्री श्री वर्मा ने कहा कि रायपुर जिले के ग्राम नायकबांधा में 13 मूल खसरों को 53 छोटे-छोटे भूखंडों में बटांकन करके मुआवजा वितरण में गड़बड़ी की गयी है।
उन्होंने यह भी कहा कि राजस्व विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत से फर्जी नामांतरण प्रकरण तैयार करके मुआवजा स्वीकृत किया गया है। इस संबंध में कलेक्टर द्वारा की गयी जांच की रिपोर्ट के आधार पर दोषी पाये गये अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ निलंबन और विभागीय कार्रवाई की गयी है।
दोषी अफसरों को भेजें जेल : महंत
भारतमाला परियोजना के अंतर्गत मुआवजा वितरण में गड़बड़ी करने वाले अफसरों के विरुद्ध एफआईआर कराकर उन्हें जेल भेजने की मांग विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उठाई। नेता प्रतिपक्ष डॉ. महंत ने कहा कि इस तरह से की गयी गड़बड़ी बेहद गंभीर है। ऐसे अफसरों को केवल निलंबन करने से काम नहीं चलेगा। एफआईआर दर्ज कराकर उन्हें तत्काल जेल भेजें। नेता प्रतिपक्ष ने प्रकरण की सीबीआई से भी जांच कराने की मांग की जिस पर राजस्व मंत्री ने संभाग आयुक्त से जांच कराये जाने की घोषणा की।
भूपेश ने राजस्व मंत्री को घेरा
विधानसभा मे कांग्रेस विधायक उमेश पटेल द्वारा रायगढ़ जिले में जलाशय की भूमि को जिंदल के नाम नामांतरित किये जाने का मामला उठाया गया। इस पर राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने विभागीय जांच कराने की घोषणा की। इसी मामले में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजस्व मंत्री को घेरते हुए कहा कि लैंड यूज परिवर्तन की स्वीकृति राजस्व मंत्री की अध्यक्षता में गठित उप मंत्रिमंडलीय समिति ही दे सकती है। ऐसे में राजस्व मंत्री की जांच विभागीय अधिकारी कैसे कर पायेगा। इस पर असहज होते हुए राजस्व मंत्री ने कहा कि उन्हें इस प्र्रकरण की जानकारी ही नहीं हैं। वे इस संबंध में विभाग से जानकारी लेकर आगे की कार्रवाई करेंगे।