जलवायु न्याय को बनाएं मार्गदर्शक सिद्धांत: उपराष्ट्रपति धनखड़

जलवायु न्याय को बनाएं मार्गदर्शक सिद्धांत: उपराष्ट्रपति धनखड़

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नई दिल्ली, 1 सितंबर 2024। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार 31 अगस्त को अपने उत्तराखंड दौरे के दौरान देहरादून में भारतीय पेट्रोलियम संस्थान के छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित किया। उन्होंने जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए जलवायु न्याय को मार्गदर्शक सिद्धांत बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने भाषण में कहा कि जलवायु परिवर्तन का सबसे ज्यादा प्रभाव कमजोर वर्गों पर पड़ता है, इसलिए जलवायु न्याय को हमारी प्राथमिकता में होना चाहिए। उन्होंने भारत की प्राचीन परंपराओं और सभ्यता की आत्मा को प्रतिबिंबित करते हुए कहा कि भारत ने घरेलू शासन में स्थिरता को अपनाया है और साथ ही वैश्विक प्रतिबद्धताओं का भी पालन किया है। उन्होंने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का उल्लेख करते हुए कहा कि भारत ने हमेशा दुनिया को एक परिवार माना है।

उपराष्ट्रपति ने भारत द्वारा वैश्विक बायोफ्यूल गठबंधन की स्थापना के महत्वपूर्ण कदम को रेखांकित किया और इसे स्थायी ऊर्जा भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने 2070 तक कार्बन तटस्थता प्राप्त करने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य का भी उल्लेख किया, जिसमें परिवहन क्षेत्र में बायोफ्यूल के उपयोग को व्यापक रूप से बढ़ावा दिया जाएगा।

श्री धनखड़ ने भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों के तेजी से अपनाने पर भी प्रकाश डाला, जो पहले एक दूर का सपना था लेकिन अब हकीकत बन गया है। उन्होंने इन प्रगतियों को सर्कुलर इकोनॉमी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।

साथ ही, उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे उपलब्ध विभिन्न अवसरों का पूरा लाभ उठाएं और सरकारी नौकरियों पर अत्यधिक निर्भरता से बचें। उन्होंने याद दिलाया कि अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत को निवेश और अवसरों का पसंदीदा वैश्विक गंतव्य बताया है, और यह सफलता सरकारी नौकरियों पर आधारित नहीं है।