आगरा, 22 मार्च 2025। ताजमहल की साक्षी में प्रेम की अनगिनत कहानियां रची गई हैं, लेकिन इस बार ताजनगरी ने एक ऐसी अनूठी प्रेम कथा देखी, जिसने न केवल शहर, बल्कि पूरे देश और दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। रामलाल वृद्धाश्रम में रहने वाले 66 वर्षीय मुन्नालाल और 57 वर्षीय प्रमिला ने 19 मार्च 2025 को सात फेरे लेकर अपने नए जीवन की शुरुआत की। इस अनोखे विवाह में 300 से अधिक बुजुर्ग बाराती बने, जिन्होंने ढोल-नगाड़ों पर नाचते हुए इस पवित्र बंधन का उत्साहपूर्वक स्वागत किया।
वृद्धाश्रम में सजी अनूठी शादी
मुन्नालाल, जो पहली बार घोड़ी पर चढ़े और दूल्हा बने, ने कभी नहीं सोचा था कि जीवन के इस मोड़ पर उन्हें जीवनसंगिनी मिलेगी। विवाह समारोह में हल्दी और मेहंदी की रस्में भी हुईं, जहां वृद्धाश्रम के बुजुर्गों ने जमकर उत्सव मनाया। आश्रम अध्यक्ष शिवकुमार शर्मा, जिन्होंने प्रमिला के पिता की भूमिका निभाई, जब कन्यादान कर रहे थे, तो उपस्थित हर व्यक्ति की आंखें नम हो गईं।
छह महीने की दोस्ती, जीवनभर का साथ
छह महीने पहले वृद्धाश्रम में मिले मुन्नालाल और प्रमिला की दोस्ती धीरे-धीरे एक गहरे रिश्ते में बदल गई। मुन्नालाल, जो अपनी 90 वर्षीय मां के साथ आश्रम में रहते हैं, ने आश्रम संचालक शिव प्रसाद शर्मा को पत्र लिखकर विवाह की इच्छा जताई। उधर, प्रमिला, जिन्हें परिवार ने बेघर कर दिया था, ने भी मुन्नालाल के साथ जीवन बिताने का निर्णय लिया।
मुन्नालाल और प्रमिला की संघर्ष भरी कहानी
यूपी के जालौन निवासी मुन्नालाल, जो ऑटो रिक्शा चलाकर जीवनयापन करते हैं, अपनी बुजुर्ग मां की सेवा में इतने तल्लीन रहे कि कभी विवाह नहीं किया। जब हालात कठिन हुए, तो वह मां के साथ रामलाल आश्रम आ गए। वहीं, बुलंदशहर की प्रमिला, जो पति और पुत्रियों की मृत्यु के बाद परिजनों द्वारा घर से निकाली गईं, ने भी इसी आश्रम में शरण ली। यहां रहने के दौरान उन्होंने मुन्नालाल की मां की निस्वार्थ सेवा की, जिससे दोनों के बीच एक आत्मीय रिश्ता बन गया और उन्होंने जीवनभर साथ निभाने का निर्णय लिया।