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भगवान के चरणों की भक्ति ही कलयुग में कल्याण का साधन : स्वामी राघवाचार्य

भगवान के चरणों की भक्ति ही कलयुग में कल्याण का साधन : स्वामी राघवाचार्य

रायपुर, 20 अक्टूबर 2024। राजधानी रायपुर के महामाया मंदिर प्रांगण में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के पंचम दिन स्वामी राघवाचार्य जी महाराज के श्रीमुख से भगवान के पावन चरित्र और गोवर्धन की महिमा का विस्तार से वर्णन किया गया।

स्वामी श्री ने कहा कि इस कलियुग में जीव के कल्याण का सबसे सरल और प्रभावी साधन भगवान के चरणों की भक्ति, उनके गुणों का अनुवाद, और भगवान के नाम का संकीर्तन है। उन्होंने बताया कि शास्त्रों में अनेक साधनों का उल्लेख है, लेकिन आज के समय में न तो उनका वातावरण अनुकूल है और न ही लोगों में उन साधनों को अपनाने की क्षमता शेष रह गई है।

स्वामी राघवाचार्य जी ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी करुणा से कलियुग के जीवों के कल्याण हेतु सरलतम मार्ग प्रदान किया है, जिसमें भगवान के गुणों का अनुवाद, उनका स्मरण और नाम संकीर्तन शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि कलियुग के आगमन के साथ ही दोषों का प्रभाव बढ़ गया है, परंतु भगवान श्रीकृष्ण के रहते हुए कलियुग का तांडव नहीं हो सका। भगवान के लीला संवरण के बाद ही कलियुग ने पूरी तरह से प्रवेश किया।

स्वामी श्री ने इस संदेश के माध्यम से सत्संग, भक्ति और भगवान के नाम संकीर्तन के महत्व को उजागर किया, जो कि वर्तमान समय में आध्यात्मिक कल्याण का सबसे सुलभ मार्ग है।