टेक्सटाइल हब बनेगा उत्तर प्रदेश, 11 जिलों में बनेंगे पार्क

लखनऊ, 6 नवंबर 2024। टेक्सटाइल हब बनने की दिशा में उत्तर प्रदेश आगे बढ़ चुका है। उत्तर प्रदेश को देश का प्रमुख टेक्सटाइल हब बनाने की दिशा में राज्य सरकार ने एक अहम निर्णय लिया है। लखनऊ में निर्माणाधीन बड़े टेक्सटाइल पार्क के अतिरिक्त सरकार अब राज्य के 11 जिलों में नए निजी टेक्सटाइल पार्क स्थापित करेगी।

इनमें गोरखपुर, मऊ, भदोही, अलीगढ़, बागपत और शामली जैसे तेजी से विकास की ओर बढ़ते जिले शामिल हैं। इन पार्कों से न केवल निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राज्य में रोजगार के नए अवसरों का भी सृजन होगा। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत लगभग 15,000 करोड़ रुपये का निवेश होने की संभावना है और इससे डेढ़ लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलने की उम्मीद है।

इन टेक्सटाइल पार्कों के माध्यम से राज्य सरकार का उद्देश्य स्थानीय उद्योग को बढ़ावा देना और युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर पैदा करना है। डेढ़ लाख प्रत्यक्ष रोजगार सृजन के माध्यम से यह पहल राज्य की आर्थिक संरचना को मजबूती प्रदान करेगी। स्थानीय उद्योगों को विकसित करने से युवाओं को नए क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा और उन्हें अपने गृह राज्य में ही रोजगार प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।

इसके साथ ही, राज्य सरकार का उद्देश्य है कि उत्तर प्रदेश का स्थानीय उद्योग आत्मनिर्भर बने। इन पार्कों के माध्यम से उत्तर प्रदेश में तैयार किया गया कच्चा माल अब चीन और अन्य देशों से आयातित कच्चे माल की जगह लेगा। इससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और राज्य की आयात निर्भरता में भी कमी आएगी।

विदेशी निवेशक आएंगे

उत्तर प्रदेश सरकार की इस पहल से विदेशी निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने में मदद मिलेगी। इन टेक्सटाइल पार्कों में अत्याधुनिक तकनीक और संसाधनों का उपयोग होगा, जिससे विदेशी कंपनियों के लिए यह एक आकर्षक निवेश क्षेत्र बनेगा। उत्तर प्रदेश के इन नए टेक्सटाइल पार्कों में निर्माण के दौरान अंतर्राष्ट्रीय मानकों का पालन किया जाएगा, जिससे राज्य का टेक्सटाइल उद्योग वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बेहतर स्थिति में आ सकेगा।

विदेशी निवेश के साथ ही, इन पार्कों में आधुनिक मशीनरी और तकनीकी कौशल के माध्यम से उत्पादन की गुणवत्ता में सुधार होगा। इससे उत्तर प्रदेश के कपड़ा उद्योग को नई पहचान मिलेगी और वैश्विक बाजार में भी इसकी स्थिति मजबूत होगी।

इन पार्कों के माध्यम से राज्य में उत्पादन और वितरण लागत को कम करने में भी मदद मिलेगी। चीन और अन्य देशों से आयातित कच्चे माल पर निर्भरता घटने से न केवल लागत में कमी आएगी, बल्कि लॉजिस्टिक कॉस्ट भी कम होगी। इससे उत्तर प्रदेश के कपड़ा उद्योग की उत्पादकता बढ़ेगी और यह अधिक प्रतिस्पर्धात्मक बनेगा।

टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना से उन जिलों का विकास होगा, जो पहले से ही टेक्सटाइल उत्पादन के लिए जाने जाते हैं। उदाहरण के लिए, मऊ, भदोही और अलीगढ़ जैसे जिलों में पारंपरिक रूप से टेक्सटाइल का काम होता है। टेक्सटाइल पार्कों के माध्यम से इन जिलों को नए संसाधन, तकनीक और प्रशिक्षण प्राप्त होगा, जिससे ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच आर्थिक समन्वय बढ़ेगा।

टेक्सटाइल हब से बढ़ेगी आत्मनिर्भरता

राज्य सरकार के इस कदम से उत्तर प्रदेश का कपड़ा उद्योग आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रगति करेगा। यह पहल उत्तर प्रदेश को भारत के प्रमुख टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करने में सहायक सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार ने इन टेक्सटाइल पार्कों के माध्यम से राज्य में निवेश, रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने का संकल्प लिया है।

सरकार की यह पहल राज्य के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो न केवल कपड़ा उद्योग को मजबूती देगा बल्कि उत्तर प्रदेश को सशक्त और प्रतिस्पर्धात्मक राज्य बनाने में भी योगदान देगा।

उत्तर प्रदेश में 11 नए टेक्सटाइल पार्कों की स्थापना से राज्य का कपड़ा उद्योग एक नई ऊंचाई पर पहुंचेगा। यह कदम स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा देने के साथ-साथ विदेशी निवेश को आकर्षित करने और राज्य के आर्थिक ढांचे को मजबूत बनाने की दिशा में एक निर्णायक कदम है। टेक्सटाइल हब बनने की इस यात्रा में उत्तर प्रदेश न केवल देश के लिए एक उदाहरण बनेगा बल्कि दुनिया में भी एक सशक्त टेक्सटाइल उद्योग के रूप में उभरेगा।