लंदन, 10 अप्रैल 2025। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लंदन में आयोजित भारत-यूके निवेशक गोलमेज सम्मेलन में ब्रिटिश निवेशकों को भारत में निवेश के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने भारत को वैश्विक फिनटेक क्रांति का अग्रणी बताते हुए कहा कि देश में दुनिया के लगभग आधे वास्तविक समय के लेन-देन (रियल-टाइम ट्रांजैक्शन) हो रहे हैं। इसके साथ ही भारत में फिनटेक अपनाने की दर 87 प्रतिशत है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे अधिक है। इस सम्मेलन में ब्रिटेन के व्यापार और व्यापार राज्य सचिव के साथ लंदन के लॉर्ड मेयर एलेस्टेयर किंग भी मौजूद थे।
वित्त मंत्रालय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इसकी जानकारी साझा करते हुए बताया कि निर्मला सीतारमण ने निवेशकों को भारत की आर्थिक मजबूती और संभावनाओं से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है और जल्द ही तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है।
इसके अलावा, भारत 2032 तक विश्व का छठा सबसे बड़ा बीमा बाजार बनने के लिए तैयार है, जिसमें 2024-2028 के दौरान 7.1 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर की उम्मीद है। यह आंकड़ा भारत को जी20 देशों में सबसे तेजी से बढ़ते बीमा बाजारों में से एक बनाता है।
सीतारमण ने भारत को निवेश के लिए आकर्षक गंतव्य के रूप में पेश करते हुए कहा कि सरकार बैंकिंग क्षेत्र में विदेशी निवेश को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है। उन्होंने निवेशकों को भारत के पहले अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) गिफ्ट सिटी के बारे में भी बताया, जो कर छूट, कुशल कार्यबल और विदेशी मुद्रा लेन-देन की सुविधाओं के साथ एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र प्रदान करता है।
वित्त मंत्री ने जानकारी दी कि मार्च 2025 तक गिफ्ट-आईएफएससी में बैंकिंग, बीमा, फिनटेक और पूंजी बाजार जैसे क्षेत्रों में 800 से अधिक संस्थाएं पंजीकृत हो चुकी हैं। उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारतीय प्रतिभूति बाजार ने 2023 में टी+1 निपटान प्रणाली को अपनाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया, जिससे यह दुनिया के अग्रणी बाजारों में शामिल हो गया।
भारत का बाजार पूंजीकरण वर्तमान में 4.6 ट्रिलियन डॉलर है, जो इसे वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर लाता है। सीतारमण ने निवेशकों को आश्वस्त किया कि भारत की स्थिर नीतियां और मध्यम वर्ग का विस्तार निवेश के लिए अनुकूल माहौल तैयार कर रहे हैं।
सम्मेलन में ब्रिटेन के लगभग 60 शीर्ष निवेशक शामिल हुए, जो पेंशन फंड, बीमा कंपनियों और बैंकों का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वित्त मंत्री ने भारत-यूके संबंधों को मजबूत करने पर जोर देते हुए कहा कि दोनों देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) तेजी से आगे बढ़ रहा है, जो आर्थिक सहयोग को और गति देगा।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और यह देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में महत्वपूर्ण योगदान दे रही है। निर्मला सीतारमण ने अपने संबोधन में भारत सरकार की प्राथमिकताओं को भी उजागर किया, जिसमें सतत आर्थिक विकास, नवाचार और निवेश के अवसरों को बढ़ावा देना शामिल है।
उन्होंने कहा कि सरकार अनुपालन बोझ को कम करने और व्यवसायों के लिए बेहतर माहौल बनाने के लिए लगातार सुधार कर रही है। यह खबर भारत के वैश्विक आर्थिक परिदृश्य में बढ़ते कद को दर्शाती है और निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर प्रस्तुत करती है।