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अखिलेश यादव ने कुछ ऐसा कहा कि बात लोगों के दिल का छू गयी…

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आजमगढ़, 15 अप्रैल 2025। अखिलेश यादव, जो समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, मंगलवार को आजमगढ़ दौरे पर रहे। यहां उन्होंने एक ऐसी बात कही, जिसने आम लोगों के दिल को छू लिया, राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई।

इतिहास से जुड़े सवालों और विवादों पर उन्होंने अपनी पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं को नसीहत दिया। उन्होंने इस मुद्दे पर एक सकारात्मक और समावेशी दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उनकी यह टिप्पणी न सिर्फ इतिहास के इर्द-गिर्द होने वाली बहसों को शांत करने की दिशा में एक कदम है, बल्कि समाज में एकजुटता और प्रगति को बढ़ावा देने का भी संदेश देती है।

मंगलवार को आजमगढ़ में एक प्रेस वार्ता के दौरान अखिलेश यादव ने हाल ही में समाजवादी पार्टी के नेता रामजी लाल सुमन के बयान से उपजे विवाद पर अपनी राय रखी। उन्होंने कहा, मैं पार्टी में यही कहूंगा कि इतिहास से जुड़ा कोई सवाल नहीं करें, क्योंकि इतिहास में हर तरह की बातें होती हैं। सुनने में आ रहा है कि जब से रामजी लाल सुमन का बयान आया है, लोग इतिहास के पन्ने पलट रहे हैं।

लोग इतिहास जानना चाहते हैं। मेरा कहना है कि अगर इतिहास की बातें हमें सकारात्मक दिशा न दे सकें, तो हमें इतिहास को इतिहास ही रहने देना चाहिए और उस पर चर्चा नहीं करनी चाहिए।

अखिलेश के इस बयान ने एक गहरे दार्शनिक और व्यावहारिक संदेश को उजागर किया। उन्होंने इतिहास को लेकर समाज में होने वाली अनावश्यक बहसों को खत्म करने की अपील की और जोर दिया कि हमें वतर्मान और भविष्य पर ध्यान देना चाहिए।

यह बयान उस समय आया है, जब देश में इतिहास के विभिन्न पहलुओं को लेकर राजनैतिक और सामाजिक स्तर पर तीखी बहसें चल रही हैं। अखिलेश का यह दृष्टिकोण न केवल उनकी परिपक्व राजनीतिक समझ को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि वे समाज को एकजुट करने और सकारात्मक दिशा में ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

उनके इस बयान की सोशल मीडिया पर भी खूब चर्चा हो रही है। कई लोगों ने इसे एक प्रगतिशील सोच बताया, जो समाज को विभाजनकारी बहसों से ऊपर उठाने का प्रयास करता है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि अखिलेश यादव ने इस बयान के जरिए न केवल अपनी पार्टी को एक नई दिशा दी है, बल्कि अन्य राजनीतिक दलों को भी यह संदेश दिया है कि इतिहास का उपयोग समाज को तोड़ने के बजाय जोड़ने के लिए करना चाहिए। उनके इस बयान ने एक बार फिर साबित किया कि वह न सिर्फ एक कुशल राजनेता हैं, बल्कि एक दूरदर्शी नेता भी हैं, जो समाज को प्रगति के पथ पर ले जाना चाहते हैं।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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