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संपादकीय: युवाओं की शक्ति से राष्ट्र निर्माण की ओर

संपादकीय: युवाओं की शक्ति से राष्ट्र निर्माण की ओर

छत्तीसगढ़ के जशपुर में 13 नवंबर 2024 को आयोजित ‘माटी के वीर पदयात्रा’ का आयोजन, एक अत्यंत प्रेरणादायक पहल है। इस कार्यक्रम में केन्द्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने भाग लेकर युवाओं की सामूहिक ताकत और उनके देश-प्रेम का उदाहरण प्रस्तुत किया। यह आयोजन भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर 150 महाविद्यालयों के माय-भारत वालंटियर्स द्वारा आयोजित किया गया, जो हमारी युवा पीढ़ी की ऊर्जा और संकल्प शक्ति को समाज के सामने प्रदर्शित करता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रेरित माय-भारत प्लेटफार्म का उद्देश्य युवाओं को राष्ट्र निर्माण के हर क्षेत्र में शामिल करना है। इस डिजिटल युग में, युवाओं के पास कई अवसर और प्लेटफार्म हैं, लेकिन माय-भारत प्लेटफार्म एक सिंगल विंडो प्रणाली की तरह काम करेगा, जहां विभिन्न क्षेत्रों में योगदान करने के इच्छुक युवा राष्ट्र निर्माण में सक्रिय रूप से भाग ले सकेंगे। डॉ. मांडविया के अनुसार, इस प्लेटफार्म पर पहले ही 1.5 करोड़ युवा पंजीकरण कर चुके हैं, जो इस बात का प्रमाण है कि युवा भारत के सपने को साकार करने में अपना बहुमूल्य योगदान देने के लिए तत्पर हैं।

आज का युवा केवल अपनी आकांक्षाओं तक सीमित नहीं है; उसे राष्ट्र सेवा का अवसर भी चाहिए। चाहे खेल हो, कला-संस्कृति हो, विज्ञान हो, या तकनीकी क्षेत्र, युवाओं को अपने-अपने क्षेत्रों में सर्वोत्तम देने की प्रेरणा माय-भारत जैसे प्लेटफार्मों से मिलती है। यह महत्वपूर्ण है कि इस तरह के आयोजनों से उन्हें राष्ट्र निर्माण के कार्य में अपने कौशल और प्रतिभा को समर्पित करने का अवसर मिले।

भगवान बिरसा मुंडा जैसे महान नायकों के आदर्शों पर चलते हुए, यह युवा पीढ़ी उनके बलिदान से प्रेरणा ले रही है और खुद को देश के लिए तैयार कर रही है। यह केवल एक पदयात्रा नहीं, बल्कि एक प्रतीक है—इस बात का कि युवाओं के साथ मिलकर हम आत्मनिर्भर भारत और एक विकसित राष्ट्र की ओर बढ़ सकते हैं। यह पहल यह भी दर्शाती है कि अगर युवा शक्ति को सही दिशा दी जाए, तो वे राष्ट्र को हर चुनौती से उबार सकते हैं और विकास के पथ पर अग्रसर कर सकते हैं।

‘माटी के वीर पदयात्रा’ जैसे कार्यक्रम न केवल युवाओं में देशभक्ति की भावना को मजबूत करते हैं, बल्कि उन्हें यह एहसास भी कराते हैं कि उनके योगदान के बिना राष्ट्र निर्माण का सपना अधूरा है। अब समय आ गया है कि युवाओं को हर क्षेत्र में अपनी भूमिका का एहसास हो और वे अपने-अपने क्षेत्रों में नई ऊंचाइयों को प्राप्त करें। युवाओं को देश के लिए जीना है, और देश के विकास में भागीदार बनना है।