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वैश्विक टैरिफ नियमों के बीच भारत की अर्थव्यवस्था रहेगी अडिग

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मुंबई, 18 अप्रैल 2025। वैश्विक टैरिफ नियमों का भारत पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यहां की अर्थव्यवस्था अडिग रहेगी। यह भारत की आर्थिक ताकत है। यह सब भारत की मजबूत नीतियों और दीर्घकालिक रणनीतियों के चलते संभव है।

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देशवासियों को आश्वस्त किया कि भारत इन व्यवधानों को पार कर लेगा। उन्होंने यह बात बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के 150 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में कही। वित्त मंत्री ने भारत के वित्तीय बाजारों के लचीलापन और ताकत की सराहना की, जो वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद स्थिर और मजबूत बने हुए हैं।

वित्त मंत्री ने बिना किसी देश का नाम लिए, विशेष रूप से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हाल ही में लागू किए गए टैरिफ नियमों के प्रभावों का जिक्र किया। उन्होंने कहा, वैश्विक स्तर पर हो रहे आर्थिक बदलाव और व्यवधान भारत के लिए नई चुनौतियां ला सकते हैं, लेकिन हमारी नीतिगत पहलें और दीर्घकालिक निवेश हमें इनसे निपटने में सक्षम बनाएंगे।

उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था न केवल इन चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है, बल्कि यह जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में तेजी से अग्रसर है।

सीतारमण ने बीएसई के 150 साल के सफर को भारत की आर्थिक प्रगति का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि बीएसई ने न केवल भारत के वित्तीय बाजारों को मजबूती प्रदान की है, बल्कि वैश्विक निवेशकों के बीच भारत को एक भरोसेमंद निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित किया है।

भारतीय शेयर बाजारों के प्रदर्शन की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी, भू-राजनीतिक तनावों और आर्थिक अनिश्चितताओं के बावजूद भारत के वित्तीय बाजारों ने उल्लेखनीय स्थिरता और विकास दिखाया है।

वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि सरकार ने हाल के वर्षों में कई नीतिगत सुधार किए हैं, जिनमें डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देना, स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन, और बुनियादी ढांचे में निवेश शामिल हैं।

इन सुधारों ने भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। उन्होंने कहा, हमारी नीतियां आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में काम कर रही हैं, और हमारा ध्यान दीर्घकालिक विकास पर केंद्रित है।

सीतारमण ने वैश्विक टैरिफ नियमों के प्रभावों को कम करने के लिए भारत की तैयारियों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि सरकार निर्यात-आयात नीतियों को और अधिक लचीला बनाने, घरेलू उद्योगों को समर्थन देने और वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए सक्रिय कदम उठा रही है।

इसके साथ ही, उन्होंने निवेशकों से अपील की कि वे भारत की आर्थिक संभावनाओं पर भरोसा रखें और दीर्घकालिक निवेश के अवसरों का लाभ उठाएं। इस कार्यक्रम में बीएसई के अधिकारियों, उद्योग जगत के दिग्गजों और वित्तीय विशेषज्ञों ने भी हिस्सा लिया।

बीएसई के सीईओ ने कहा कि भारत का वित्तीय बाजार वैश्विक स्तर पर अपनी मजबूती और पारदर्शिता के लिए जाना जाता है, और यह उपलब्धि सरकार की नीतियों और नियामक ढांचे के समर्थन के बिना संभव नहीं थी।

संबोधन के अंत में वित्त मंत्री ने युवा उद्यमियों और निवेशकों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। उन्होंने भरोसा जताया कि भारत न केवल वैश्विक आर्थिक चुनौतियों का सामना करेगा, बल्कि एक मजबूत और समावेशी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरेगा।

Ramesh Pandey

मेरा नाम रमेश पाण्डेय है। पत्रकारिता मेरा मिशन भी है और प्रोफेशन भी। सत्य और तथ्य पर आधारित सही खबरें आप तक पहुंचाना मेरा कर्तव्य है। आप हमारी खबरों को पढ़ें और सुझाव भी दें।

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