नई दिल्ली, 16 नवंबर 2024। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के उद्देश्य से नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हो गए। पालम वायुसैनिक अड्डे से रवाना होने से पहले उन्होंने अपने वक्तव्य में इस यात्रा को ऐतिहासिक और बहुआयामी बताते हुए ‘ग्लोबल साउथ’ की प्राथमिकताओं पर जोर दिया।
नाइजीरिया: अफ्रीकी साझेदारी का विस्तार
प्रधानमंत्री ने इस यात्रा को नाइजीरिया के साथ रणनीतिक साझेदारी को नई ऊंचाई पर ले जाने का अवसर बताया। उन्होंने कहा, यह मेरी नाइजीरिया की पहली यात्रा है, जो हमारे लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार है। लोकतंत्र और बहुलवाद में साझा विश्वास हमारी साझेदारी की नींव है।
श्री मोदी ने भारतीय समुदाय और स्थानीय मित्रों से मिलने की इच्छा भी व्यक्त की। नाइजीरिया भारत का एक महत्वपूर्ण अफ्रीकी भागीदार है, और यह यात्रा व्यापार, शिक्षा, और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के लिए नए द्वार खोल सकती है।
ब्राजील: जी-20 में वैश्विक प्राथमिकताओं पर चर्चा
प्रधानमंत्री जी-20 के 19वें शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए ब्राजील रवाना हुए हैं। उन्होंने भारत की सफल अध्यक्षता का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले साल जी-20 को ‘लोगों का जी-20’ बनाने की दिशा में भारत ने अहम योगदान दिया। उन्होंने कहा, ब्राजील ने भारत की विरासत को आगे बढ़ाया है। मैं ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के हमारे दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुए सार्थक चर्चा की आशा करता हूं।
इसके अलावा, प्रधानमंत्री ब्राजील में अन्य वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय सहयोग पर विचार-विमर्श करेंगे।
गुयाना: ऐतिहासिक संबंधों को नवीनीकरण का अवसर
प्रधानमंत्री ने गुयाना यात्रा को ऐतिहासिक करार दिया, क्योंकि यह 50 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा होगी। उन्होंने कहा, गुयाना के साथ हमारे संबंध 185 साल पहले भारतीय प्रवासियों के समय से जुड़ते हैं। हम साझा संस्कृति और मूल्यों को नई रणनीतिक दिशा देंगे।
श्री मोदी कैरेबियाई देशों के नेताओं के साथ दूसरे भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि यह शिखर सम्मेलन ऐतिहासिक संबंधों को पुनर्जीवित करने और नए सहयोग क्षेत्रों का विस्तार करने का अवसर प्रदान करेगा।
आशा और वैश्विक संवाद
प्रधानमंत्री मोदी की इस यात्रा का उद्देश्य न केवल जी-20 एजेंडे को आगे बढ़ाना है, बल्कि नाइजीरिया, गुयाना और ब्राजील जैसे प्रमुख साझेदारों के साथ बहुपक्षीय और द्विपक्षीय संबंधों को सुदृढ़ करना भी है। यह यात्रा भारत की वैश्विक भूमिका को और अधिक मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।