प्रतापगढ़, 19 नवंबर 2024। यूपी के प्रतापगढ़ जिले में पीएम मातृ वंदना योजना के लाभार्थी अप्रैल 2023 से योजना की धनराशि से वंचित हैं। विभागीय बदलाव के बाद यह योजना ठप हो गई है।
शासन के आदेशानुसार मई 2023 में पीएम मातृ वंदना योजना का संचालन स्वास्थ्य विभाग से हटाकर महिला कल्याण विभाग और बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को सौंपा गया। लेकिन, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग इस योजना का क्रियान्वयन अभी शुरू नहीं कर पाया है।
पहले ऐसे चलती थी योजना
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी। इसके तहत पहली बार गर्भवती होने पर महिलाओं को तीन किश्तों में ₹5,000 दिए जाते हैं।
- ₹1,000 पहली किश्त गर्भावस्था के दौरान।
- ₹2,000 दूसरी किश्त टीकाकरण के बाद।
- ₹2,000 तीसरी किश्त प्रसव के बाद।
दूसरे प्रसव में यदि बालिका का जन्म होता है, तो मां को एकमुश्त ₹6,000 दिए जाते हैं। योजना का संचालन स्वास्थ्य विभाग के जरिए होता था, जिसमें आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं के माध्यम से लाभार्थियों को चिन्हित कर राशि दी जाती थी।
विभागीय बदलाव से बढ़ी समस्या
मई 2024 में यह योजना महिला कल्याण विभाग को हस्तांतरित की गई, लेकिन विभाग में कर्मचारियों की कमी के कारण इसे बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग को सौंप दिया गया। यहां भी योजना के क्रियान्वयन में बाधाएं बनी हुई हैं।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मैपिंग अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।
- लॉगिन आईडी तैयार करने का कार्य अधूरा है, जिससे नए रजिस्ट्रेशन लंबित हैं।
- आशा और एएनएम कार्यकर्ताओं की भागीदारी समाप्त होने से लाभार्थियों तक योजना का लाभ नहीं पहुंच पा रहा।
लाभार्थियों की परेशानी
शिशु को जन्म देने वाली माताओं को योजना का लाभ न मिलने से उन्हें आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। आशा और एएनएम द्वारा पूर्व में जो सुविधाएं दी जा रही थीं, उनके बंद होने से ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को सबसे अधिक समस्याएं हो रही हैं।
आगे की राह
बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के अनुसार, नई लॉगिन आईडी तैयार करने और कार्यकर्ताओं की मैपिंग का कार्य जल्द पूरा किया जाएगा। लेकिन छह माह से लंबित योजना के क्रियान्वयन में देरी ने शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लाभार्थी महिलाओं ने शासन से अपील की है कि योजना को जल्द से जल्द फिर से शुरू किया जाए, ताकि उन्हें आर्थिक मदद मिल सके और योजना का उद्देश्य पूरा हो सके।