वेटिकन सिटी, 21 अप्रैल 2025। ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप फ्रांसिस का सोमवार सुबह 7:35 बजे वेटिकन के कासा सांता मार्टा स्थित उनके निवास पर निधन हो गया। 88 वर्षीय पोप फ्रांसिस, जिनका मूल नाम जॉर्ज मारियो बर्गोग्लियो था, के निधन से विश्व भर में ईसाई समुदाय में शोक की लहर छा गई। अपोस्टोलिक चैंबर के कैमरलेंगो, कार्डिनल केविन फैरेल ने सुबह 9:45 बजे उनकी मृत्यु की घोषणा की।
पोप फ्रांसिस लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे। इस वर्ष 14 फरवरी को ब्रोंकाइटिस के कारण उन्हें रोम के एगोस्टिनो जेमेली पॉलीक्लिनिक अस्पताल में भर्ती किया गया था। 18 फरवरी को निमोनिया का निदान हुआ। 38 दिन अस्पताल में रहने के बाद वे कासा सांता मार्टा लौटे, लेकिन उनकी सेहत में सुधार नहीं हुआ। नवंबर 2023 में भी सांस की बीमारियों के कारण उनकी यूएई यात्रा रद्द हुई थी।
कार्डिनल फैरेल ने कहा, पोप फ्रांसिस ने प्रभु और चर्च की सेवा में अपना जीवन समर्पित किया। उन्होंने गरीबों और हाशिए पर रहने वालों के लिए सुसमाचार के मूल्यों को जिया। अप्रैल 2024 में, पोप ने अपने अंतिम संस्कार के लिए सरल और ईसा मसीह के पुनर्जनन पर केंद्रित नए संस्कार को मंजूरी दी थी। आर्कबिशप डिएगो रवेली ने बताया कि यह अंतिम संस्कार एक पादरी और शिष्य के रूप में होगा, न कि किसी शक्तिशाली व्यक्ति के।
इटली की प्रधानमंत्री जिओर्जिया मेलोनी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, पोप फ्रांसिस की शिक्षाएं और उनकी विरासत हमेशा जीवित रहेंगी। उनके निधन के बाद वेटिकन में अंतिम संस्कार की तैयारियां शुरू हो गई हैं, जिसका विवरण जल्द घोषित होगा।