ज्ञानवर्धक रहा महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय का शैक्षणिक भ्रमण
रायपुर, 23 नवंबर 2024। महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय, रायपुर के पत्रकारिता विभाग द्वारा छात्र-छात्राओं के लिए 22 नवंबर 2024 को एक शैक्षणिक भ्रमण का आयोजन किया गया। यह भ्रमण विद्यार्थियों को प्रकृति, इतिहास और वन्यजीवन से परिचित कराने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। भ्रमण में 24 छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। विभागाध्यक्ष राम प्रसाद दुबे के नेतृत्व में आयोजित इस यात्रा का मार्गदर्शन शिक्षिका धनलक्ष्मी दीवान ने किया।
शैक्षणिक भ्रमण के दौरान छात्र-छात्राओं ने रायपुर के निकट स्थित तीन प्रमुख स्थलों का दौरा किया। इनमें कोडार डैम, सिरपुर का ऐतिहासिक पुरातत्व स्थल और बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य शामिल थे। हर स्थान पर विद्यार्थियों को वहां की विशेषताओं और महत्त्व के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
कोडार डैम
भ्रमण की शुरुआत कोडार डैम से हुई, जो अपनी शांतिपूर्ण प्राकृतिक सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। छात्र-छात्राओं ने डैम के विशाल जलाशय को देखा और पर्यावरण संरक्षण के महत्त्व को समझा। शिक्षकों ने उन्हें जल संसाधन प्रबंधन के महत्व और डैम के निर्माण से जुड़े तकनीकी पहलुओं के बारे में भी बताया।
सिरपुर
इसके बाद छात्र-छात्राओं का दल सिरपुर के ऐतिहासिक पुरातत्व स्थल पहुंचा। सिरपुर अपने प्राचीन मंदिरों और बौद्ध स्तूपों के लिए प्रसिद्ध है। विद्यार्थियों ने लक्ष्मण मंदिर और अन्य संरचनाओं को देखा, जो छत्तीसगढ़ के गौरवशाली अतीत की झलक प्रस्तुत करते हैं। शिक्षिका धनलक्ष्मी दीवान ने सिरपुर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डालते हुए बताया कि यह स्थल कभी छत्तीसगढ़ का प्रमुख धार्मिक और व्यापारिक केंद्र था।
बारनवापारा
भ्रमण का अंतिम और सबसे रोमांचक पड़ाव बारनवापारा वन्यजीव अभ्यारण्य रहा। यहां छात्रों ने वन्यजीवन और जैव विविधता को करीब से देखा। अभ्यारण्य में चिंकारा, चीतल, नीलगाय, मोर और अन्य कई जीव-जंतुओं को देखकर छात्रों में प्रकृति के प्रति गहरी रुचि और जागरूकता विकसित हुई।
शिक्षकों ने बताया कि बारनवापारा छत्तीसगढ़ का एक प्रमुख वन क्षेत्र है, जो पर्यावरण संतुलन बनाए रखने में अहम भूमिका निभाता है। विद्यार्थियों ने यहां जैव विविधता और वन्यजीव संरक्षण के महत्व को समझा।
शैक्षणिक उद्देश्य और छात्रों का अनुभव
इस भ्रमण का मुख्य उद्देश्य छात्रों को कक्षा से बाहर निकालकर व्यावहारिक और अनुभवजन्य शिक्षा प्रदान करना था। पत्रकारिता विभाग के विभागाध्यक्ष राम प्रसाद दुबे ने कहा, छात्र-छात्राओं को केवल पुस्तकीय ज्ञान तक सीमित नहीं रखना चाहिए। शैक्षणिक भ्रमण के माध्यम से वे इतिहास, संस्कृति, प्रकृति और वन्यजीवन को नजदीक से समझ सकते हैं, जो उनकी समग्र शिक्षा में सहायक होता है।
छात्र-छात्राओं ने भी इस अनुभव को बेहद प्रेरणादायक और रोमांचक बताया। पत्रकारिता की छात्रा नेहा ने कहा, इस भ्रमण से हमें न केवल नए स्थानों को देखने का मौका मिला, बल्कि बहुत कुछ सीखने को भी मिला। सिरपुर के इतिहास और बारनवापारा के वन्यजीवन को देखना बेहद खास था।
यह शैक्षणिक भ्रमण महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर देवाशीष मुखर्जी के निर्देशन में आयोजित किया गया। उन्होंने इस कार्यक्रम के आयोजन को विद्यार्थियों के लिए लाभकारी बताते हुए कहा कि ऐसे भ्रमण उन्हें ज्ञानवर्धक अनुभव प्रदान करते हैं और उनके व्यक्तित्व के विकास में सहायक होते हैं।
महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय प्रबंधन ने भविष्य में भी इस तरह के शैक्षणिक भ्रमण आयोजित करने की योजना बनाई है। इस दौरान छात्रों को छत्तीसगढ़ के अन्य महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, प्राकृतिक और सांस्कृतिक स्थलों का दौरा कराने पर विचार किया जा रहा है।
महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय, रायपुर का यह शैक्षणिक भ्रमण छात्रों के लिए न केवल मनोरंजक रहा, बल्कि बेहद ज्ञानवर्धक भी साबित हुआ। कोडार डैम, सिरपुर और बारनवापारा की यात्रा ने उन्हें प्रकृति, इतिहास और वन्यजीवन को समझने का अनमोल अवसर दिया। विद्यार्थियों के उत्साह और सकारात्मक अनुभवों ने इस कार्यक्रम की सफलता को और बढ़ा दिया।