प्रतापगढ़, 25 नवंबर 2024। कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार अब 28 नवंबर को वृंदावन स्थित मोक्ष धाम में किया जाएगा। 3 दिन तक श्रद्धालु उनके पार्थिव शरीर का दर्शन कर सकेंगे । सोमवार 25 नवंबर की शाम तक डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर परिसर में आ जाएगा।
प्रेम मंदिर के प्रबंधक अजय त्रिपाठी ने बताया कि 24 नवंबर की सुबह सड़क हादसे में ट्रस्ट की अध्यक्ष डॉ विशाखा त्रिपाठी का निधन हो गया था। उनका पार्थिव शरीर सोमवार की शाम तक वृंदावन स्थित प्रेम मंदिर में पहुंच जाएगा । यहां तीन दिन तक उनका पार्थिव शरीर श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए रखा जाएगा ।
इसके बाद 28 नवंबर को वृंदावन स्थित मोक्ष धाम में अंतिम संस्कार किया जाएगा। उम्मीद लगाई जा रही है कि दो विशाखा त्रिपाठी के अंतिम दर्शन के लिए एक लाख से अधिक अनुयायियों के वृंदावन पहुंचने की उम्मीद है। इसकी तैयारी करने में प्रबंधन जुटा हुआ है। मंदिर परिसर में सैकड़ो हाल में व्यवस्थाएं की जा रही है ।
डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी की अंतिम यात्रा 28 नवंबर को प्रेम मंदिर से शुरू होकर वृंदावन में यमुना तट तक पहुंचेगी। यहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी के निधन के बाद 24 नवंबर से ही प्रेम मंदिर के कपाट बंद कर दिए गए हैं । मंदिर बंद होने के कारण दर्शन करने वालों को वापस लौटना पड़ रहा है ।
बता दें प्रतापगढ़ जिले के कुंडा तहसील के अंतर्गत आने वाले मनगढ़ गांव में जन्मे कृपालु महाराज ने अध्यात्म की जगत में ऊंचाई हासिल की। कृपालु महाराज के निधन के उपरांत उनकी तीनों बेटियां उनकी विरासत को आगे बढ़ा रही थी। बड़ी बेटी विशाखा त्रिपाठी मनगढ़ स्थित आश्रम और वृंदावन के प्रेम मंदिर का संचालन कर रही थी। वह पूरे ट्रस्ट की अध्यक्ष भी थी।
24 नवंबर 2024 की सुबह डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी अपनी दोनों बहने श्याम त्रिपाठी और कृष्णा त्रिपाठी के साथ सिंगापुर जाने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट जा रही थी। रास्ते में नोएडा के दनकौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत सड़क हादसे में डॉक्टर विशाखा त्रिपाठी की मौत हो गई थी. उनकी दोनों बहने घायल है जिनका दिल्ली स्थित अपोलो अस्पताल में इलाज चल रहा है।