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समाज में सकारात्मक बदलाव लाता है संतों का मिलन

समाज में सकारात्मक बदलाव लाता है संतों का मिलन

भोपाल के पुष्कर उत्सव में श्री चिन्ना जियर स्वामी ने भक्तों को दिये दिव्य उपदेश

भोपाल, 27 नवंबर 2024। तिरुपति बालाजी मंदिर के 12वें ब्रह्मोत्सव के अवसर पर श्री संप्रदाय के महान संत श्री श्री श्री त्रिदंडी श्रीमन्नारायण रामानुज श्री चिन्ना जियर स्वामी का भोपाल आगमन हुआ। हाल ही में इन्होंने हैदराबाद के शमशाबाद में रामानुज स्वामी भगवान की 120 किलो सोने की बैठी हुई श्री विग्रह स्थापित की है, जो विश्व में दूसरी सबसे ऊंची बैठी हुई मूर्ति है। इस ऐतिहासिक मूर्ति का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्री संप्रदाय के हजारों संतों की उपस्थिति में किया था।

भोपाल के पुष्कर उत्सव में श्री चिन्ना जियर स्वामी ने रामानुज स्वामी भगवान के उपदेशों का विस्तार से वर्णन किया। उन्होंने कहा कि भगवान से भी बढ़कर भागवत है। जीव का मुख्य उद्देश्य भगवान की शरणागति प्राप्त करना है। भगवान की शरण में जाने से जीव बैकुंठ धाम की प्राप्ति करता है। वरद राज भगवान द्वारा दिए गए उपदेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, जो मेरी शरण में आएगा, उसे बैकुंठ लोक में स्थान मिलेगा, भले ही वह अंतिम समय में भगवान को भूल जाए।

स्वामी ने जीवों से आग्रह किया कि वे भगवान श्रीमन्नारायण की शरण में आकर अपने जीवन को सफल बनाएं। इस अवसर पर राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त डॉ. राम नारायण शास्त्री ने स्वामीजी को रामानुज पंचांगम और वृहद स्तोत्र माला समर्पित की। उन्होंने जगन्नाथ पुरी के जियर मठ और पीठाधिपति श्री श्री 1008 स्वामी श्री इंदिरा रमणाचार्य जी* की प्रशंसा की।

कार्यक्रम में भारी संख्या में श्री संप्रदाय के भक्त और संतगण उपस्थित रहे। प्रमुख अतिथियों में डॉ. सुबोध सिंह, श्रीमती जयश्री सिंह, किशोरी रामानुजदासी, डॉ. अमितेश मिश्रा रामानुज दास, अनिल अग्रवाल, तृप्ति अग्रवाल डॉ. सुषमा गुप्ता शामिल थे।

श्री चिन्ना जियर स्वामी ने अपने प्रवचन में संतों के समाज कल्याण में योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि संतों का मिलन समाज में सकारात्मक बदलाव लाता है। इस आयोजन ने न केवल भक्तों को आध्यात्मिक मार्गदर्शन दिया, बल्कि उनके मन में भगवान श्रीमन्नारायण की शरणागति के प्रति विश्वास को और प्रगाढ़ किया।