प्रतापगढ़, 9 दिसंबर 2024। यूपी के प्रतापगढ़ में 9 दिसंबर को पुलिस ने सायबर ठगी गैंग का भंडाफोड़ किया। इस गैंग को चला रहे पीलीभीत जिले के दो युवा पकड़े गये। यह दोनों युवा बैंक का बीसी यानि बिजनेस करसपांडेंट बनकर सायबर लगी कर रहे थे।
जाने पूरा मामला
ये ठग बैंक खातों में मोबाइल नंबर बदलकर, खाताधारकों की जानकारी चुराकर और यूपीआई आईडी बनाकर धोखाधड़ी को अंजाम देते थे। प्रतापगढ़ साइबर क्राइम थाने की टीम ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड और उसके साथी को गिरफ्तार कर किया है। यह गिरोह बैंक के बिजनेस करेस्पॉन्डेंट (बीसी) के रूप में काम करते हुए खाताधारकों के साथ धोखाधड़ी करता था।
यह था मामला
साइबर काइम थाना प्रतापगढ़ पर पंजीकृत मुअस 07/24 में पीडि़त ने यूनियन बैंक ऑफ इन्डिया के खातें में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा अपना मोबाइल नम्बर लिंक कराकर धोखे से उसके खाते से दिनांक 24 अगस्त से 16 अक्टूबर 2023 के मध्य 2,28000 रुपये का आहरण कर लिया गया था।
अपराध के अनावरण के लिये पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार द्वारा साइबर क्राइम थाना को निर्देशित किया गया।
जांच में सामने आया कि आरोपियों ने डिजिटल उपकरणों, जैसे फिंगर स्कैनर और लैपटॉप का इस्तेमाल कर बड़ी चालाकी से लाखों रुपये ट्रांसफर किए। गिरोह ने यूनियन बैंक के बिजनेस करेस्पॉन्डेंट (बीसी) के रूप में अपनी पहचान का गलत फायदा उठाया। पुलिस ने इनके पास से लैपटॉप, फिंगर स्कैनर और अन्य दस्तावेज बरामद किए हैं।
कैसे करते थे वारदात
गिरोह के सदस्य बैंक के बिजनेस करेस्पॉन्डेंट होने के कारण खाताधारकों की जानकारी तक पहुंच रखते थे। ये लोग बैंक सर्वर के माध्यम से उन खातों की जानकारी चेक करते थे जिनमें बड़ी धनराशि जमा होती थी। इन खातों में धोखे से अपने या अपने साथी के मोबाइल नंबर लिंक करा लेते थे। मोबाइल नंबर बदलने के बाद, खाते से जुड़ी यूपीआई आईडी बनाकर पैसे ट्रांसफर कर लेते थे।
गिरफ्तार अभियुक्तगण
- अनिल कुमार पुत्र पप्पू निवासी कंगवा थाना बीसलपुर जनपद पीलीभीत
- प्रेमपाल पुत्र डोरीलाल निवासी चन्दपुरा थाना बीसलपुर जनपद पीलीभीत
गिरफ्तारी करने वाली टीम
निरीक्षक गुलाब चन्द्र सोनकर, उप निरीक्षक सुरेन्द्र सिंह, मुख्य आरक्षी अखिलेश कुमार उपाध्याय, आरक्षी सौरव सिंह, आरक्षी पंकज कुमार शामिल रहे।
पुलिस अधीक्षक प्रतापगढ़ डा. अनिल कुमार ने शहरवासियों से अपील की है कि वे जागरूक रहें और साइबर ठगी से बचने के लिए सतर्कता बरतें। यदि किसी को कोई संदेहास्पद गतिविधि दिखाई दे, तो तुरंत साइबर क्राइम थाने या 112 नंबर में संपर्क करे।