नकली सिपाही बनकर महिला कांस्टेबलों को प्रेमजाल में फंसाता था राजन वर्मा, 12 को बना चुका था शिकार

नकली सिपाही बनकर महिला कांस्टेबलों को प्रेमजाल में फंसाता था राजन वर्मा, 12 को बना चुका था शिकार

Crime

बरेली, 3 सितंबर 2024। उत्तर प्रदेश के बरेली कोतवाली पुलिस ने 3 सितंबर 2024 को मीडिया के सामने एक ऐसे ठग का पर्दाफाश किया, जो महिला सिपाहियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनसे न केवल पैसे ऐंठता था, बल्कि उनके साथ गलत काम भी करता था। तस्वीर में दिख रहे इस शख्स का नाम राजन वर्मा है, जो लखीमपुर खीरी के मिदनियागढ़ का रहने वाला है।

राजन वर्मा नकली सिपाही बनकर असली महिला कांस्टेबलों को अपने प्रेमजाल में फंसाता और फिर उनसे ठगी करता था। आरोपी खुद को लखनऊ में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के ऑफिस में तैनात अधिकारी बताता था। वह महिला सिपाहियों के नंबर उत्तर प्रदेश पुलिस की वेबसाइट से जुटाता और उन्हें प्रेमजाल में फंसाकर ठगी को अंजाम देता था।

जानकारी के अनुसार, राजन वर्मा ने अब तक 12 महिला सिपाहियों को फंसाकर उनसे ठगी की है। ठगी से उसने एक लग्जरी कार भी खरीदी थी। आरोपी पर पाँच महिला सिपाहियों के साथ दुष्कर्म करने और उनसे लोन के माध्यम से करोड़ों रुपये की ठगी करने का आरोप भी है। उसके खिलाफ मुरादाबाद, श्रावस्ती, लखीमपुर खीरी और बरेली कोतवाली में पाँच मुकदमे दर्ज हैं।

पूछताछ के दौरान, राजन वर्मा ने बताया कि उसने अपने शहर लखीमपुर खीरी में पेठा बनाने की फैक्ट्री लगाई थी। उसकी मुलाकात अयोध्या में सुनील गुप्ता नाम के एक पुलिसकर्मी से हुई, जो खुद को एस.ओ.जी. का सदस्य बताता था। सुनील गुप्ता ने उसे पुलिस में भर्ती कराने का झांसा देकर उससे 5 लाख रुपये ऐंठ लिए। इसके बाद, राजन सुनील गुप्ता और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ पुलिस लाइन में रहकर पुलिस के कार्यप्रणाली के बारे में काफी कुछ सीख गया।

राजन ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर एक महिला आरक्षी से शादी की, लेकिन जब महिला को पता चला कि राजन केवल आठवीं पास है और बेरोजगार है, तो उसने उससे दूरी बनानी शुरू कर दी। इसके बाद, राजन ने यूपी पुलिस की वेबसाइट से उन महिला आरक्षियों से संपर्क करना शुरू किया, जिनके नाम के आगे “वर्मा” लगा था, ताकि जाति के आधार पर वे उस पर भरोसा कर सकें।

राजन ने एक महिला सिपाही को प्रेमजाल में फंसाकर उससे 6,30,000 रुपये का पर्सनल लोन लखनऊ में प्लॉट खरीदने के नाम पर लिया। उसने महिला सिपाही से समय-समय पर अपनी समस्याओं का बहाना बनाकर और भी पैसे ऐंठे। इसके अलावा, उसने महिला सिपाही से आधार कार्ड, पैन कार्ड, और पे-स्लिप की कॉपी लेकर, उसके नाम पर 23,50,000 रुपये का लोन भी लिया और एक गाड़ी खरीदी।

पुलिस ने राजन वर्मा को जेल भेज दिया है। राजन वर्मा की यह कहानी जो भी सुन रहा है दांतो तले उंगली दबा ले रहा है।