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प्रतापगढ़ में 9 से 20 सितंबर तक खोजे जाएंगे सक्रिय क्षय रोगी

प्रतापगढ़ में 9 से 20 सितंबर तक खोजे जाएंगे सक्रिय क्षय रोगी

प्रतापगढ़, 7 सितंबर 2024। जिलाधिकारी संजीव रंजन के मार्गदर्शन में प्रतापगढ़ जिले में 9 से 20 सितंबर 2024 तक सक्रिय क्षय रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य जिले को क्षय (टीबी) रोग से मुक्त कराना और नए रोगियों की पहचान करना है। जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस अभियान को स्वास्थ्य विभाग के राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 10 कार्य दिवसों के दौरान संचालित किया जाएगा।

अभियान की रूपरेखा

अभियान के तहत 17 ब्लॉकों में 272 टीमें घर-घर जाकर सर्वे करेंगी। अभियान का लक्ष्य जिले की कुल आबादी का 20 प्रतिशत, यानी 7,10,990 लोगों की सेहत की जानकारी लेना है। इस दौरान यदि किसी व्यक्ति में टीबी के लक्षण, जैसे कि दो सप्ताह से अधिक समय से खांसी, बुखार, बलगम में खून आना, रात में पसीना आना, वजन कम होना, भूख न लगना, या सीने में दर्द पाया जाता है, तो उसे चिन्हित कर जांच के लिए स्पूटम कप दिया जाएगा। बलगम की जांच में यदि टीबी पॉजिटिव आती है, तो मरीज को नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर मुफ्त उपचार प्रदान किया जाएगा।

272 टीमें बनाई गई

इस व्यापक अभियान के लिए 68 सुपरवाइजरों के साथ 272 टीमें बनाई गई हैं, जिनमें 816 सदस्य शामिल होंगे। इन टीमों में आशा कार्यकतार्ओं की भी अहम भूमिका होगी, जो घर-घर जाकर सर्वे करेंगी। टीबी मरीजों के उपचार के दौरान उन्हें सरकार की नि:क्षय पोषण योजना के तहत आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। उपचार की प्रथम किश्त के रूप में मरीजों के बैंक खाते में सीधे 1,500 रुपये डीबीटी के माध्यम से भेजे जाएंगे, और उपचार के 84 दिनों बाद दूसरी किश्त भी दी जाएगी।

हाई रिस्क क्षेत्रों में विशेष ध्यान

इस अभियान के अंतर्गत शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के उच्च जोखिम वाले इलाकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। मलिन बस्तियों, दूर-दराज के क्षेत्रों, और क्लोज सेटिंग जैसे अनाथालय, वृद्धाश्रम, बाल संरक्षण गृह, नारी निकेतन, मदरसा और नवोदय विद्यालय जैसे स्थानों पर भी टीबी जांच कार्यक्रम संचालित किया जाएगा।

टीबी उन्मूलन के प्रयास

जिले में लगातार टीबी उन्मूलन के लिए अभियान चलाए जा रहे हैं। न केवल पुराने मरीजों का इलाज जारी है, बल्कि नए मरीजों की खोज पर भी जोर दिया जा रहा है। इस अभियान का उद्देश्य क्षय रोग से पूरी तरह से मुक्त जनपद बनाना है, ताकि भविष्य में स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हो और सभी नागरिकों को टीबी से बचाव और उपचार की समुचित सुविधा मिल सके।