लखनऊ, 6 नवंबर 2024। उत्तर प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में पढ़ाने वाले लगभग 1200 तदर्थ शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने 30 दिसंबर 2000 से पहले नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को स्थायी नियुक्ति का आदेश जारी कर दिया है। उप शिक्षा निदेशक (माध्यमिक-3) रामचेत की ओर से चार नवंबर को सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया, जिससे अब इन शिक्षकों के परमानेंट होने का रास्ता साफ हो गया है।
उत्तर प्रदेश के शिक्षा निदेशालय ने इस निर्णय के जरिए उन शिक्षकों को स्थायित्व प्रदान करने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जो वर्षों से तदर्थ पदों पर काम कर रहे थे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश के तहत जारी इस आदेश से राज्य के लगभग 1200 तदर्थ शिक्षक लाभान्वित होंगे। इन शिक्षकों के स्थायी होने से शिक्षा व्यवस्था में स्थिरता आएगी और वे अधिक आत्मविश्वास के साथ अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर सकेंगे।
तदर्थ शिक्षकों का यह लाभ भी मिलेगा
शिक्षा निदेशालय के इस आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि 30 दिसंबर 2000 से पहले नियुक्त तदर्थ शिक्षकों को अब पुरानी पेंशन योजना का लाभ मिलेगा। इसके साथ ही, लगभग 25-30 वर्षों से जमा उनके जीपीएफ (सामान्य भविष्य निधि) को लैप्स होने से बचाया जाएगा। शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन योजना बहुप्रतीक्षित लाभ है, जो उन्हें सेवानिवृत्ति के बाद आर्थिक सुरक्षा प्रदान करेगा।
शिक्षकों का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना और जीपीएफ का लाभ मिलने से वे अब और सुरक्षित महसूस कर सकते हैं। राज्य में शिक्षकों की सेवा को स्थायित्व देने के साथ ही उनके भविष्य को आर्थिक दृष्टि से सुरक्षित बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है।
इस निर्णय का उद्देश्य न केवल शिक्षकों को स्थायित्व प्रदान करना है, बल्कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार करना भी है। स्थायी नियुक्ति से शिक्षकों में अपने काम के प्रति समर्पण और जवाबदेही की भावना और मजबूत होगी, जिससे छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सकेगी। यह निर्णय शिक्षक समुदाय के लिए एक सम्मानजनक और सुरक्षित करियर का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे वे बिना किसी अस्थिरता के अपने कार्य में संलग्न रह सकेंगे।
इस आदेश से राज्य के शिक्षक वर्ग में खुशी की लहर है। वर्षों से तदर्थ पदों पर काम कर रहे शिक्षक अब स्थायी नियुक्ति पाकर खुद को अधिक सुरक्षित महसूस कर रहे हैं। राज्य के विभिन्न जिलों में शिक्षकों ने इस निर्णय का स्वागत किया है और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आभार व्यक्त किया है। उनका कहना है कि अब उनकी मेहनत को स्थायित्व मिला है और वे अपने पेशे के प्रति पहले से अधिक समर्पित हो सकेंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार का यह फैसला न केवल राज्य के शिक्षा क्षेत्र में स्थायित्व लाने का प्रयास है, बल्कि शिक्षकों के भविष्य को भी सुरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण कदम है। स्थायी नियुक्ति, पुरानी पेंशन योजना और जीपीएफ लाभ से इन शिक्षकों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और वे अधिक उत्साह के साथ शिक्षा क्षेत्र में योगदान दे सकेंगे। यह निर्णय राज्य में शिक्षा गुणवत्ता को बढ़ावा देने में सहायक साबित होगा और शिक्षकों का मनोबल ऊंचा उठाने में भी मदद करेगा।