रायपुर, 5 अक्टूबर 2024। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित महंत लक्ष्मी नारायण दास महाविद्यालय के पत्रकारिता विभाग द्वारा आयोजित संगोष्ठी में वरिष्ठ पत्रकार शिव दुबे ने एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) और तकनीकी ज्ञान के महत्व पर जोर दिया। संगोष्ठी का विषय था पत्रकारिता में तकनीकी निर्भरता की भूमिका, जिसमें शिव दुबे मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने की। इस मौके पर पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष राम प्रसाद दुबे सहित अन्य गणमान्य शिक्षक-शिक्षिकाएं और विद्यार्थी उपस्थित रहे।
शिव दुबे ने अपने वक्तव्य में कहा कि तकनीकी ज्ञान के बिना पत्रकारिता में लंबे समय तक टिक पाना कठिन है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नवोदित पत्रकारों को तकनीकी जानकारी हासिल करना अनिवार्य है, क्योंकि तकनीक ने पत्रकारिता के काम को न केवल आसान, बल्कि अधिक प्रभावी बना दिया है।
एआई का पत्रकारिता पर प्रभाव
दुबे ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग को पत्रकारिता की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि एआई ने पत्रकारिता को और अधिक गंभीर और गहन बना दिया है। पहले जहां समाचार पत्रों में प्रूफ संपादक हुआ करते थे, अब उनका काम रिपोर्टर ही कर रहे हैं। तकनीक ने इस प्रक्रिया को सरल और तेज बना दिया है, जिससे दक्षता में भी वृद्धि हुई है।
रिपोर्टरों की संख्या घटी, दक्षता बढ़ी
उन्होंने यह भी बताया कि तकनीकी विकास के कारण रिपोर्टरों की संख्या में कमी आई है। जहां पहले 27 रिपोर्टर होते थे, अब मात्र 10-12 रिपोर्टर उसी काम को संभाल रहे हैं। हालांकि, इसका यह मतलब नहीं है कि रिपोर्टरों की आवश्यकता खत्म हो गई है, बल्कि अब ऐसे पत्रकारों की मांग है, जो तकनीकी रूप से सशक्त और अपडेटेड हों।
कार्यक्रम के अंत में, महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. देवाशीष मुखर्जी ने छात्रों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी परिवर्तनों को अपनाने के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में तकनीकी रूप से सक्षम पत्रकार ही चुनौतियों का सामना कर सकेंगे और सफल हो पाएंगे।
इस संगोष्ठी ने पत्रकारिता में तकनीकी ज्ञान और एआई के महत्व को उजागर किया और भविष्य की चुनौतियों के लिए पत्रकारिता छात्रों को तैयार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।