रायपुर, 30 मार्च 2025। ऋषिकेश में 17 से 21 मार्च, 2025 तक आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग एनाटॉमी प्रशिक्षण कार्यक्रम में एम्स रायपुर ने योगिक अभ्यासों की वैज्ञानिक समझ के जरिए समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया। इस कार्यक्रम में रूस, यूरोप, दक्षिण अफ्रीका, लैटिन अमेरिका सहित दुनिया भर से 50 से अधिक प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम का मुख्य लक्ष्य योग के आसन और प्राणायाम के बायोमैकेनिक्स की गहन जानकारी प्रदान कर वैश्विक ज्ञान को एक मंच पर लाना था। इसके लिए मानव कंकाल मॉडल का उपयोग कर योग मुद्राओं के सटीक जैविक यांत्रिकी को प्रदर्शित किया गया। कार्यशाला में यह समझाया गया कि प्राचीन योग विद्या किस तरह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक कल्याण को बढ़ाने में सहायक हो सकती है। प्रतिभागियों को योग के पीछे के शारीरिक सिद्धांतों का बहुमूल्य ज्ञान प्राप्त हुआ, जिससे उन्हें इसके लाभों की गहरी समझ विकसित करने में मदद मिली।
एम्स रायपुर के एनाटॉमी विभाग के प्रो. (डॉ.) मृत्युंजय राठौर के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यशाला को प्रतिनिधियों से शानदार प्रतिक्रिया मिली। प्रतिभागियों ने सामग्री की गहराई और प्रस्तुति की स्पष्टता की सराहना की। प्रो. राठौर की योग शरीर रचना में व्यापक विशेषज्ञता ने इस प्रशिक्षण को प्रभावशाली और आकर्षक बनाया।
एम्स रायपुर के निदेशक और सीईओ लेफ्टिनेंट जनरल अशोक जिंदल (सेवानिवृत्त) ने इस पहल की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह न केवल वैश्विक स्वास्थ्य जागरूकता में योगदान देती है, बल्कि पारंपरिक प्रथाओं को आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोणों के साथ जोड़कर समग्र स्वास्थ्य के लिए एक सेतु भी बनाती है।
यह कार्यक्रम योग की वैश्विक समझ को मजबूत करने और आधुनिक स्वास्थ्य प्रणालियों में इसकी प्रासंगिकता को रेखांकित करने में एक मील का पत्थर साबित हुआ, जो विश्व भर के व्यक्तियों और समुदायों के लिए लाभकारी है।