एएमआर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा

एएमआर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा

Health

नई दिल्ली, 27 सितंबर 2024केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने आज संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) द्वारा आयोजित एक उच्च स्तरीय बैठक में रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एएमआर) के बढ़ते खतरे पर वैश्विक सहयोग की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित किया।

सभा को संबोधित करते हुए, श्रीमती पटेल ने जोर देकर कहा कि एएमआर वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है, जो आधुनिक चिकित्सा में वर्षों की प्रगति को कमजोर कर सकता है। उन्होंने इस मुद्दे के समाधान के लिए स्वास्थ्य कार्यक्रमों में एएमआर रोकथाम रणनीतियों को तुरंत शामिल करने का आह्वान किया। उन्होंने महामारी की तैयारी, स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने, और सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के साथ एएमआर की रोकथाम और शमन पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया।

भारत की एएमआर से निपटने की प्रगति

श्रीमती पटेल ने बताया कि 2017 में शुरू की गई राष्ट्रीय कार्य योजना (NAP AMR) के बाद से भारत ने एएमआर के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण प्रगति की है। उन्होंने मानव और पशु दोनों क्षेत्रों में निगरानी नेटवर्क के विस्तार, संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण में सुधार, और अस्पतालों में संक्रमण की कमी के प्रयासों पर प्रकाश डाला।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कर्मियों के व्यापक प्रशिक्षण और स्वच्छ भारत मिशन के माध्यम से स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और संक्रमण नियंत्रण को मजबूत किया गया है। इसके साथ ही, रोगाणुरोधकों की पर्चे-आधारित बिक्री सुनिश्चित करने के नियम बनाए गए हैं और राष्ट्रीय उपचार दिशा-निर्देशों को नियमित रूप से अपडेट किया जाता है।

सूक्ष्मजीवरोधी प्रबंधन और ‘वन हेल्थ’ दृष्टिकोण

भारत ने सूक्ष्मजीवरोधी प्रबंधन (AMS) कार्यक्रम भी विकसित किया है, जिसका उद्देश्य अनावश्यक एंटीबायोटिक पर्चे और बढ़ते एएमआर खतरे से निपटना है। यह कार्यक्रम संसाधन-सीमित क्षेत्रों के लिए तैयार किया गया है और कई अस्पतालों में अपनाया जा रहा है।

इसके अलावा, भारत ने अपने अद्यतन एनएपी-एएमआर 2.0 के तहत “वन हेल्थ” दृष्टिकोण को प्राथमिकता दी है, जो मानव, पशु और पर्यावरण क्षेत्रों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इस संरचना के माध्यम से, भारत एएमआर से निपटने के लिए अंतर-क्षेत्रीय समन्वय को सुदृढ़ कर रहा है।

वैश्विक सहयोग का आह्वान

श्रीमती अनुप्रिया पटेल ने एएमआर पर उच्च स्तरीय मंत्रिस्तरीय घोषणा के मसौदे को तैयार करने में संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने एएमआर के खिलाफ राष्ट्रीय और वैश्विक प्रयासों के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए कहा कि भारत एएमआर चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

श्रीमती पटेल ने एएमआर के खतरे को वैश्विक स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण चुनौती के रूप में रेखांकित किया। उन्होंने स्वास्थ्य प्रणालियों को मजबूत करने और वैश्विक सहयोग बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया। साझा प्रयासों के माध्यम से, उन्होंने कहा, हम एएमआर के खतरों को कम कर सकते हैं और वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।

भारत का यह रुख अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ सहयोग बढ़ाने और एएमआर से निपटने के लिए ठोस रणनीति अपनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।