अलीगढ़, 20 सितंबर 2024। अलीगढ़ शहर की शान, श्याम नगर की निवासी अंशिका अग्रवाल, अपनी बेहतरीन कथक नृत्य शैली के माध्यम से न सिर्फ देश बल्कि विदेशों में भी अलीगढ़ का नाम रोशन कर रही हैं। अंशिका अग्रवाल आगामी 6 अक्टूबर से दिल्ली के पंजाबी बाग में होने वाली प्रसिद्ध रामायण में लगातार चौथी बार माता सीता का किरदार निभाएंगी, जो उनके लिए एक और बड़ी उपलब्धि साबित होगी।
अंशिका अग्रवाल ने तीन साल पहले दिल्ली के पंजाबी बाग की प्रसिद्ध रामलीला में माता सीता का किरदार निभाने का अवसर प्राप्त किया। उनके अभिनय और कथक के अद्वितीय प्रदर्शन ने उन्हें रामायण के इस प्रतिष्ठित मंच पर एक खास पहचान दिलाई। अंशिका अग्रवाल का कहना है, माता सीता का धैर्य और त्याग मेरे लिए हमेशा प्रेरणास्रोत रहे हैं, और मैं इसी प्रेरणा के साथ इस किरदार को निभाती हूं।
अंशिका अग्रवाल को बचपन से ही नृत्य का गहरा शौक था। उन्होंने अलीगढ़ के सेंटर प्वाइंट में संगीत कला केंद्र में मीनाक्षी नागपाल से कथक की शिक्षा प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने दिल्ली के श्रीराम भारत कला केंद्र, मंडी हाउस से कथक में मास्टर डिग्री प्राप्त की और डीयू से कथक में एमए किया। अंशिका वर्तमान में कथक में पीएचडी की तैयारी कर रही हैं।
उनकी शिक्षा और अनुभव के दौरान, उन्हें प्रसिद्ध कथक गुरुओं, राजेंद्र गंगानी और हरीश गंगानी से प्रशिक्षण प्राप्त हुआ। अंशिका कथक के अलावा तबला वादन में भी डिप्लोमा प्राप्त कर चुकी हैं और दूरदर्शन की एक ग्रेडेड कलाकार के रूप में भी अपनी पहचान बना चुकी हैं।
अंशिका ने अपनी कला का प्रदर्शन सिर्फ देश में ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी किया है। अलीगढ़, आगरा के ताज महोत्सव, जयपुर महोत्सव, कुरुक्षेत्र के गीता महोत्सव, गोवा, उदयपुर और देहरादून के सांस्कृतिक महोत्सवों में अपनी प्रस्तुतियों से सभी का दिल जीता है। इसके अलावा, वह साउथ अरबिया, बैंकॉक, थाईलैंड और यूरोप के कई देशों में भी कथक के प्रदर्शन कर चुकी हैं।
वर्तमान में अंशिका मुंबई में बच्चों को ऑनलाइन नृत्य की क्लास दे रही हैं और प्रसिद्ध कोरियोग्राफर गणेश आचार्य के साथ काम कर रही हैं। इसके साथ ही, उन्होंने कई म्यूजिक एल्बम में भी अभिनय किया है और फिल्म इंडस्ट्री में भी अपनी पहचान बना रही हैं।
अंशिका युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक
अंशिका की इस यात्रा ने साबित कर दिया है कि अगर मेहनत और समर्पण से कोई कार्य किया जाए, तो असंभव कुछ भी नहीं है। उनकी यह उपलब्धियां अलीगढ़ और देशभर की युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक हैं, जो कला के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं।