प्रतापगढ़ में तहसील का बाबू घूस लेते रंगेहाथ दबोचा गया

प्रतापगढ़, 5 नवंबर 2024। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई के तहत एंटी करप्शन ब्यूरो की प्रयागराज इकाई ने तहसील में कार्यरत बाबू अनुराग श्रीवास्तव को घूस लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। यह घटना पट्टी तहसील की है, जहां 5 नवंबर की दोपहर को एसीबी की टीम ने छापेमारी की और एडब्ल्यूबीएन पद पर पदस्थ नायब नाजिर बाबू अनुराग श्रीवास्तव को 4000 रुपये की घूस लेते हुए पकड़ा।

सूत्रों के अनुसार, एसीबी को अनुराग श्रीवास्तव के खिलाफ घूसखोरी की शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों में बताया गया कि तहसील के नायब नाजिर बाबू सीजनल अमीनों से अवैध वसूली करते हैं और काम करवाने के बदले में उनसे रिश्वत की मांग करते हैं। मामले की सत्यता की जांच के लिए एसीबी की प्रयागराज इकाई ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई की और शिकायत मिलने पर तुरंत एक विशेष टीम का गठन किया।

एसीबी के अधिकारियों ने शिकायतकर्ता के सहयोग से जाल बिछाया और जैसे ही अनुराग श्रीवास्तव ने 4000 रुपये की रिश्वत ली, वैसे ही टीम ने उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया। इस पूरी घटना का वीडियो और अन्य साक्ष्य एकत्र किए गए हैं, जो भ्रष्टाचार के खिलाफ कठोर कार्रवाई में सहायक साबित होंगे।

एंटी करप्शन ब्यूरो की इस कार्रवाई से पट्टी तहसील और पूरे जिले में हड़कंप मच गया है। तहसील के अन्य अधिकारी और कर्मचारी इस गिरफ्तारी से स्तब्ध हैं। यह घटना उन सभी कर्मचारियों के लिए एक सख्त संदेश है, जो अपने पद का दुरुपयोग कर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कार्रवाई से तहसील में पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा मिलेगा।

भ्रष्टाचार समाज का एक गंभीर मुद्दा है, जो न केवल प्रशासनिक प्रक्रिया में बाधा डालता है, बल्कि आम नागरिकों के अधिकारों को भी प्रभावित करता है। एंटी करप्शन ब्यूरो की इस प्रकार की कार्रवाई यह सुनिश्चित करती है कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं और सरकारी संस्थाओं में पारदर्शिता बनाए रखी जाए। इस कार्रवाई से यह भी स्पष्ट होता है कि प्रशासन भ्रष्टाचार के मामलों को हल्के में नहीं ले रहा है और इसे जड़ से खत्म करने के लिए प्रयासरत है।

इस कार्रवाई से आम जनता ने एंटी करप्शन ब्यूरो की प्रशंसा की है। नागरिकों का कहना है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ एसीबी की इस पहल से सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी। कई लोगों का मानना है कि अगर इस तरह की कार्रवाई नियमित रूप से होती रहे, तो अधिकारियों और कर्मचारियों के बीच भ्रष्टाचार करने का डर बढ़ेगा, जिससे सरकारी सेवाएं अधिक कुशल और सुलभ बन सकेंगी।

अनुराग श्रीवास्तव पर कार्रवाई शुरू

अनुराग श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के बाद, एसीबी ने उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। उन पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और मामले की जांच चल रही है। एसीबी इस मामले में अन्य शामिल लोगों की भूमिका का भी पता लगाने की कोशिश कर रही है।

एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी नीति का हिस्सा है, और भविष्य में भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी। अनुराग श्रीवास्तव को सख्त सजा देने के संकेत दिए गए हैं, ताकि यह अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए भी एक सबक हो।