सनातन धर्म में देवी-देवताओं में भगवान विश्वकर्मा जी का खास स्थान है। माना जाता है कि जब ब्रह्माजी ने इस सृष्टि की रचना की थी, तो इसे सजाने-संवारने का काम भगवान विश्वकर्मा को ही दिया था। इसलिए विश्वकर्मा देव को इस सृष्टि का शिल्पकार भी कहा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भाद्रपद माह में जब सूर्य देव ने कन्या राशि में गोचर यानी प्रवेश किया था, तो उसी समय विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ था। इसलिए हर साल सूर्य गोचर के दिन विश्वकर्मा जयंती का पर्व मनाया जाता है।
इस वर्ष 2024 में 17 सितंबर को विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त है। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री के अनुसार इस बार 16 सितंबर 2024 को शाम 07:47 मिनट पर सूर्य का कन्या राशि में प्रवेश होगा। शाम के समय विश्वकर्मा जी की पूजा नहीं की जाती है। इसलिए इस साल 17 सितंबर 2024 को विश्वकर्मा पूजा यानी विश्वकर्मा जयंती का त्योहार मनाया जाएगा। इस दिन विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 08 मिनट से लेकर दोपहर 01:43 मिनट तक है। ज्योतिष गुरू पंडित अतुल शास्त्री बताते हैं कि भगवान विश्वकर्मा ने देवी-देवताओं के लिए बहुत अस्त्र-शस्त्र समेत स्वर्गलोक, इंद्रलोक, लंका नगरी, द्वारिका नगरी आदि का निर्माण किया था।
सृष्टि के पहले शिल्पकार माने जाने वाले भगवान विश्वकर्मा जयंती पर विश्वकर्मा पूजा करने से व्यक्ति के कारखाने से जुड़े यंत्र, मशीनें और वाहन आदि बगैर किसी रुकावट के पूरे साल अच्छी तरह से चलते हैं। जिस व्यक्ति पर भगवान विश्वकर्मा की कृपा बरसती है, उसका कारोबार दिन दोगुना, रात चौगुना बढ़ता है।भगवान विश्वकर्मा की कृपा से लोगों के जीवन में किसी भी प्रकार की कोई कमी नहीं रहती है। उसका घर और कारोबार खूब फलता-फूलता है।
विश्वकर्मा जयंती की विश्वकर्मा पूजा जोड़े में प्रात: काल करनी लाभदायक होती है। यदि आपको पैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है या परिवार में सुख-शांति नहीं रहती है, तो इसके लिए प्रात: काल स्नान आदि कार्य करने के बाद घर के मंदिर में भगवान विश्वकर्मा की तस्वीर स्थापित करें। उनके सामने कलश रखें। उसमें जल भरें। इसके बाद देवता को अक्षत, फल, फूलों से बनी माला, चंदन, सुपारी और पीली सरसों अर्पित करें। इस उपाय को यदि आप सच्चे मन से करते हैं, तो जल्द ही आपको अपनी सभी परेशानियों से छुटकारा मिल सकता है।
भगवान विश्वकर्मा पूजा करने से पहले विष्णु जी की आराधना करना जरूरी होता है। देवताओं की विधिपूर्वक पूजा करने के बाद अपने घर की चारों दिशाओं में पीली सरसों को छिड़काव करें। अपने और परिवार के हर सदस्य के हाथ पर रक्षा सूत्र बांधे। इस उपाय से घर में मौजूद नकारात्मक ऊर्जा खत्म हो जाती है और धन प्राप्ति की राह में जो बाधाएं आ रही होती हैं, वो समाप्त होने लगती हैं। विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान की उपासना करने के बाद अपने हाथ में फूल और अक्षत लें। विश्वकर्मा जी को समर्पित मंत्रों का तीन या चार बार जाप करें। इसके बाद हाथ में मौजूद अक्षत को घर की चारों दिशाओं में छिड़क दें। इससे घर में सकारात्मकता का वास होगा और घरवालों के स्वास्थ्य में भी सुधार होने लगेगा।
ज्योतिषाचार्य पंडित अतुल शास्त्री