आयुष्मान भारत: भारत की स्वास्थ्य यात्रा में एक मील का पत्थर

आयुष्मान भारत: भारत की स्वास्थ्य यात्रा में एक मील का पत्थर

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जगत प्रकाश नड्डा
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की छठी वर्षगांठ गर्व और चिंतन का क्षण है। सितंबर 2018 में हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में शुरू की गई आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना आज दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य सेवा योजना में से एक बन चुकी है।

यह योजना इस सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है कि सभी नागरिकों, विशेष रूप से सबसे कमजोर वर्गों, के लिए समान स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराई जाए। पिछले छह वर्षों में, इस महत्वाकांक्षी योजना ने लाखों जिंदगियों को छुआ है, उन्हें आशा, उपचार और कई मामलों में जीवनरक्षक उपचार प्रदान किया है।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की यात्रा इस बात का प्रमाण है कि एक राष्ट्र जब अपने लोगों के स्वास्थ्य और कल्याण को बेहतर बनाने के लक्ष्य के साथ एकजुट होता है, तो क्या कुछ हासिल कर सकता है। आयुष्मान भारत का मुख्य मिशन यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी भारतीय अपनी वित्तीय स्थिति के कारण स्वास्थ्य सेवा से वंचित न रहे।

माध्यमिक और तृतीयक अस्पताल देखभाल को कवर करने के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये के वार्षिक कवरेज के साथ, एबी-पीएमजेएवाई ने आर्थिक रूप से वंचित परिवारों को देश के कुछ सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों में मुफ्त में गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने का साधन प्रदान किया है।

हाल ही में भारत सरकार द्वारा 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के आय वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के लाभों का विस्तार करने का निर्णय लिया गया है, जो हमारे देश में बदलते जनसांख्यिकीय परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए एक महत्वपूर्ण कदम है।

इससे पहले, हमारे सामुदायिक स्वास्थ्य कार्यकर्ता, जैसे कि आशा बहनों , आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी सहायकों के परिवारों को योजना के दायरे में लाया गया था। 55 करोड़ से अधिक लोग योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सेवाओं के लिए आज पात्र हैं।

अभी तक 7.5 करोड़ से अधिक सफल उपचार प्रदान किए गए हैं जिस पर 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक का खर्च हुआ है। यह एक उल्लेखनीय उपलब्धि है। जो परिवार स्वास्थ्य खर्च के कारण गरीबी में धकेल दिए जाते थे, उनके लिए अब यह योजना वित्तीय ढाल साबित हो रही है।

योजना के तहत लाभार्थी किसानों से लेकर दैनिक मजदूरों तक के कथन इस बात का प्रमाण है कि यह योजना उन्हें आर्थिक परेशानी से बचा रही है। इस मायने में, आयुष्मान भारत ने वास्तव में अपने वादे को पूरा किया है।

इस योजना में उपचार का दायरा बहुत व्यापक है, जो 1900 से अधिक चिकित्सा प्रक्रियाओं को कवर करता है, जिनमें हृदय बाईपास या ज्वाइंट रिप्लेसमेंट जैसी जटिल सर्जरी से लेकर कैंसर और गुर्दे की बीमारियों के उपचार तक शामिल हैं। ये ऐसे उपचार हैं जो पहले तमाम लोगों के लिए पहुंच से बाहर थे, लेकिन अब आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना ने उन्हें सुलभ, किफायती और सभी के लिए उपलब्ध बना दिया है।

आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की एक विशेषता इसका एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रदाता नेटवर्क तैयार करने की क्षमता रही है। आज, भारत भर के 29,000 से अधिक अस्पताल, जिनमें 13,000 से अधिक निजी अस्पताल शामिल हैं, योजना के तहत सूचीबद्ध हैं।

यह नेटवर्क ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों तक फैला हुआ है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि देश के सबसे दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले लोग भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्राप्त कर सकें। योजना की अद्वितीय पोर्टेबिलिटी सुविधा ने यह सुनिश्चित किया है कि लाभार्थी अपने राज्य के अलावा देश भर के अस्पतालों में इलाज करवा सकते हैं।

इस विशाल नेटवर्क को एक मजबूत आईटी बुनियादी ढांचे द्वारा समर्थित किया गया है जो दावों के निपटान में पारदर्शिता, दक्षता और गति सुनिश्चित करता है। आधार आधारित बायोमेट्रिक सत्यापन और पेपरलेस क्लेम प्रोसेसिंग के कार्यान्वयन ने धोखाधड़ी और अक्षमता को काफी हद तक कम किया है, जो अक्सर ऐसी बड़ी सार्वजनिक कल्याण योजनाओं में एक बड़ी चुनौती होती है।

आयुष्मान भारत की सफलता ने स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र के अन्य हिस्सों में भी सुधार को उत्प्रेरित किया है। योजना के गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा पर जोर ने सार्वजनिक और निजी दोनों अस्पतालों को अपने बुनियादी ढांचे और सेवाओं को उन्नत करने के लिए प्रेरित किया है।

इसके अतिरिक्त, इसने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा का वातावरण विकसित किया है, जो प्रदाताओं को रोगी कल्याण को बेहतर बनाने के लिए प्रोत्साहित करता है। आयुष्मान भारत सिर्फ माध्यमिक और तृतीयक स्तरीय अस्पताल चिकित्सा के बारे में नहीं है। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के साथ-साथ, सरकार आयुष्मान आरोग्य मंदिर के निर्माण के माध्यम से प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने पर भी काम कर रही है।

ये स्वास्थ्य केंद्र सुरक्षात्मक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जिसका उद्देश्य जनसंख्या में कुल रोगों के भार को कम करना है। अब तक, पूरे भारत में 1.73 लाख से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर स्थापित किए जा चुके हैं, जो सामान्य बीमारियों और मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर जैसी चिरकालिक परिस्थितियों के लिए मुफ्त स्क्रीनिंग, निदान और दवाएं प्रदान कर रहे हैं।

ये केंद्र व्यापक और समग्र स्वास्थ्य देखभाल मॉडल की ओर हमारे प्रयास के केंद्र में हैं। कल्याण (वेलनेस) और प्रारंभिक निदान को बढ़ावा देकर, हम अस्पताल में भर्ती होने की आवश्यकता को कम करने और स्वास्थ्य सेवा की पहुंच को लंबे समय में और अधिक स्थाई बनाने की उम्मीद करते हैं। आयुष्मान भारत की उपलब्धियों का हर्ष मनाते हुए, हमें आगे आने वाली चुनौतियों को भी स्वीकार करना चाहिए।

योजना का पैमाना विशाल है, और इसके साथ इसे लगातार अनुकूलित, परिष्कृत और सुधारने की जिम्मेदारी आती है। हम योजना की पहुंच को बढ़ाने, अस्पतालों को समय पर भुगतान सुनिश्चित करने और हर लाभार्थी को प्रदान की जाने वाली चिकित्सा सेवा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रहे हैं।

आगे बढ़ते हुए, हम आयुष्मान भारत को मजबूत करना जारी रखेंगे, यह सुनिश्चित करते हुए कि यह भारत की समग्र, किफायती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा की यात्रा में सबसे आगे बना रहे। हम योजना के तहत कवर किए गए उपचारों की सूची का विस्तार करने, सूचीबद्ध अस्पतालों की संख्या बढ़ाने और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के सफल निर्माण करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के रूप में, मेरा दृढ़ विश्वास है कि किसी भी राष्ट्र का स्वास्थ्य उसकी समृद्धि की नींव है। स्वस्थ जनता देश के विकास, उत्पादकता और नवाचार में योगदान करने में सक्षम होती है। आयुष्मान भारत इस स्वस्थ, मजबूत और विकसित भारत की संकल्पना का केंद्र है।

अब तक की योजना की सफलता सरकार, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं और लोगों के बीच की गई कड़ी मेहनत, समर्पण और सहयोग को दशार्ती है। हम प्रत्येक नागरिक के कल्याण और स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की छठी वर्षगांठ पर, आइए हम सभी नागरिकों के लिए एक समावेशी, सुलभ और सहानुभूतिपूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रणाली बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता को दोहराएं। हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ भारत के निर्माण की यात्रा को जारी रखेंगे।
जय हिन्द !

(लेखक केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री हैं।)