रायपुर, 2 मार्च 2025। जब एविएशन और अत्याधुनिक तकनीक एक साथ मिलते हैं, तो एक नया भविष्य आकार लेता है। छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका की बेटी आयुष्मिता डेका न सिर्फ भारत का नाम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रोशन कर रही हैं, बल्कि एविएशन सेक्टर में अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी को भारत लाने की दिशा में भी काम कर रही हैं। 1 मार्च 2025 को उनकी नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई मुलाकात भारत के एविएशन और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के लिए कई नई संभावनाओं का संकेत देती है।
आयुष्मिता वर्तमान में अमेरिका के टेक्सास स्थित ह्यूस्टन में ‘Corgan Inc’ में परियोजना विशेषज्ञ के रूप में कार्यरत हैं, जहां वह हवाई अड्डों के डिजाइन और स्मार्ट एयर ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम पर काम कर रही हैं। प्रधानमंत्री मोदी के साथ चर्चा के दौरान, उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग और डेटा-ड्रिवन एविएशन प्लानिंग जैसी अत्याधुनिक तकनीकों पर बातचीत की।
बातचीत के दौरान सस्टेनेबल एविएशन टेक्नोलॉजी पर भी जोर दिया गया। अमेरिका में विकसित हो रहे सोलर-पावर्ड एयरपोर्ट्स, कार्बन-न्यूट्रल रनवे और ई-एविएशन मॉडल्स को भारत में लागू करने की संभावनाओं पर चर्चा हुई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस विषय पर खास रुचि दिखाई, क्योंकि भारत 2040 तक नेट-जीरो एविएशन इन्फ्रास्ट्रक्चर की दिशा में तेजी से काम कर रहा है।
आज दुनिया 5G-इनेबल्ड एयरपोर्ट्स और IoT (इंटरनेट ऑफ थिंग्स) आधारित इंटेलिजेंट ट्रैफिक कंट्रोल की ओर बढ़ रही है। आयुष्मिता ने प्रधानमंत्री से भारत के टियर-2 और टियर-3 शहरों में डिजिटल एयरपोर्ट कनेक्टिविटी विकसित करने के लिए नई टेक्नोलॉजी के उपयोग पर अपने विचार साझा किए। उन्होंने बताया कि बायोमेट्रिक बोर्डिंग सिस्टम, ऑटोमेटेड सिक्योरिटी चेक और एआई-पावर्ड फ्लाइट ऑप्टिमाइजेशन कैसे भारत में एयर ट्रैवल को अधिक कुशल और सुरक्षित बना सकते हैं।
इस मुलाकात ने यह साबित कर दिया कि भविष्य के भारतीय हवाई अड्डे न सिर्फ तकनीकी रूप से उन्नत होंगे, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल और अधिक यात्रियों के अनुकूल भी होंगे। प्रधानमंत्री मोदी के विजन और आयुष्मिता जैसी विशेषज्ञों की नवाचार क्षमता से भारत में एविएशन टेक्नोलॉजी का एक नया युग शुरू होने जा रहा है।