रायपुर, 2 नवंबर 2024। छत्तीसगढ़ के माओवाद प्रभावित क्षेत्र बस्तर में पहली बार बस्तर ओलंपिक 2024 का आयोजन 5 नवंबर से होने जा रहा है। इस ऐतिहासिक आयोजन का उद्देश्य बस्तर के युवाओं को विकास की मुख्य धारा से जोड़ना है। शनिवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने निवास कार्यालय में आयोजित एक बैठक में बस्तर ओलंपिक के शुभंकर पहाड़ी मैना और वन भैंसा तथा प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया। इस शुभंकर में बस्तर की वन्य जीवों की संरक्षण भावना और स्थानीय संस्कृति की झलक है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 5 नवंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक चलने वाले इस ओलंपिक में बस्तर क्षेत्र के 1 लाख 65 हजार से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया है। बस्तर ओलंपिक के माध्यम से सरकार बस्तर के युवाओं में खेल भावना का विकास और सामाजिक जुड़ाव को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने इसे “डबल इंजन सरकार का लाभ” बताया और कहा कि यह आयोजन क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने में सहायक होगा।
बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन कार्यक्रम में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की उपस्थिति प्रस्तावित है, जिससे इस आयोजन को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान मिलेगी। बैठक में उपमुख्यमंत्री अरुण साव और विजय शर्मा के साथ खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा भी मौजूद थे।
शुभंकर और प्रतीक चिन्ह में बस्तर की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाया गया है। शुभंकर के रूप में पहाड़ी मैना और वन भैंसा का चयन बस्तर के जीव-जंतुओं और परंपराओं को सम्मान देने का प्रयास है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बस्तर ओलंपिक 2024 न केवल खेलों का मंच है, बल्कि यह क्षेत्र के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस आयोजन के माध्यम से बस्तर के युवाओं को प्रोत्साहित करने के साथ-साथ, क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक अहम कदम उठाया जा रहा है। बस्तर ओलंपिक 2024 निश्चित रूप से बस्तर के लोगों के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक बनेगा।